केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यूपीए के समय पर केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नहीं समझते थे। हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझता था। अमित शाह ने कहा, ‘2014 के चुनावों के समय हमारे पास कौन सी सरकार थी? हमारी एक ऐसी सरकार थी जहां कैबिनेट मंत्री, पीएम को पीएम को नहीं मानते थे; हर कोई खुद को पीएम मानता था।’ बता दें कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले देश में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार काम कर रही थी।
लोकतांत्रिक व्यवस्था पर मंडराने लगा था खतरा: शाह
उन्होंने कहा, ‘ पॉलिसी पैरालिसिस था। शायद भारत के लिए सम्मान अपने सबसे निचले स्तर पर था, 12 लाख करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार! आंतरिक सुरक्षा पर सवाल थे। ऐसा लग रहा था कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था कभी भी ध्वस्त हो जाएगी। उस समय बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन सीएम को पीएम उम्मीदवार के तौर पर उतारने का फैसला किया था।’
‘अनपढ़ों की सेना के साथ देश का विकास नहीं हो सकता’
अमित शाह ने कहा, “मुझे ट्रोल किया गया था लेकिन मैं फिर से कहना चाहता हूं कि ‘अनपढ़ों की सेना के साथ कोई राष्ट्र विकसित नहीं हो सकता’, उन्हें शिक्षित करने की सरकार की जिम्मेदारी है। कोई व्यक्ति जो अपने संवैधानिक अधिकारों को नहीं जानता है वह योगदान नहीं दे सकता है।”
उन्होंने कहा, ‘1960 के दशक के बाद और 2014 तक लोगों को संदेह था कि क्या बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था सफल हो सकती है … बड़े धैर्य के साथ उन्होंने निर्णय लिया और पूर्ण बहुमत के साथ पीएम मोदी को सत्ता दी।’
मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में “डिलीवरिंग डेमोक्रेसी” कार्यक्रम में यह बात कही। यह कार्यक्रम पीएम नरेंद्र मोदी के सत्ता में 20 साल (2001-2021) पूरे होने पर आयोजित किया गया। विदित हो कि साल 2001 से 2014 तक पीएम मोदी गुजरात के सीएम रहे। 2014 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से अब तक मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं।