उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में भी अवैध बूचड़खानों पर डंडा चलना शुरू हो गया है। बिहार के रोहतास जिले में सात अवैध बूचड़खानों को बंद करा दिया गया। बिहार में तकरीबन 150 अवैध बूचड़खाने हैं। पटना हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि रोहतास में चल रहे सभी अवैध बूचडखानों को 6 हफ्ते के भीतर बंद कर दिए जाए।

31 मार्च तक लाइसेंस रिन्यू नहीं होने के कारण रोहतास के बिक्रमगंज में 7 बूचड़खाने सील कर दिए गए। साथ ही बिहार में भाजपा नेताओं ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही बूचड़खानों के लाइसेंस को भी रद्द करने की बात कही गई।

After Uttar Pradesh, illegal slaughterhouses have closing in Biharभाजपा ने इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में भी उठाया। विपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि अगर नीतीश सरकार ने जल्द ही अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें बंद नहीं किया तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी। इस मामले पर बिहार सरकार में पशुपालन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने भी राज्य के तमाम अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा।

उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद कई राज्यों में इसकी मांग उठने लगी है। झारखंड में अवैध बूचड़खानों को 72 घंटे की चेतावनी दी गयी थी। पिछले दिनों गुड़गांव में शिवसेना के कार्यकर्ताएओं ने मीट और चिकन की 500 दुकानें को बंद कराई थी। इनमें मल्टीनेशनल फूड चेन KFC भी शामिल है। शिवसेना ने नवरात्र में मीट न बिकने देने की बात कही। जयपुर नगर निगम ने भी आदेश दिया कि 1  अप्रैल से उन सभी बूचड़खानों और मीट की दुकानों को बंद कर दिया जाएगा, जिनके पास लाइसेंस नहीं है।

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