देश में जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मसलों पर बातचीत होती रहती है। धार्मिक संगठन भी इस तरह के मामलों पर नजर गढ़ाए रहती हैं। लेकिन यह खबर किसी दूसरी तरफ ही सोचने को मजबूर करती है। दरअसल, एक मुस्लिम लड़की ने स्वेच्छा से हिंदू धर्म को अपना लिया है। खास बात यह है कि उसने ऐसा अपने परिवार के बंदिशों के वजह से किया है। उत्तराखंड के हल्द्वानी बनभूलपुरा की रहने वाली एक मुस्लिम लड़की ने स्थानीय प्रशासन को शपथपत्र देकर खुद इस बात की जानकारी दी है कि उसने अपना धर्म परिवार्तन कर लिया है। इस कार्य के बाद उसने प्रशासन से सुरक्षा को लेकर गुहार भी लगाई है।

उसने साफ किया है कि भविष्य में उसे शहनवाज के बजाय सुनीता के नाम से जाना जाए। सुनीता ने आरोप लगाया है कि उसके घरवाले उसे लंबे समय से प्रताड़ित कर रहे थे और उस पर तमाम तरह की बंदिशें भी लगा दी थी। लड़की ने बताया कि हालात इतने बुरे हो गए थे कि घर में उसे जहर देकर मारने की बात कही जाती थी। उसने कहा कि वो पिछले कुछ समय से घरवालों से छुप-छुप कर रह रही है। सुनीता की मानें तो वह घर-बाहर की तमाम बंदिशों से तंग आ चुकी थी।

सिटी मजिस्ट्रेट को दिए शपथ पत्र में शहनवाज ने कहा है कि मुस्लिम धर्म में महिलाओं के प्रति संकुचित सोच के चलते उसने अन्य धर्मों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उसे पता चला कि हिंदू धर्म में महिलाओं को स्वतंत्र होकर जीने का अधिकार है और वहां किसी तरह की कोई धार्मिक पाबंदी भी नहीं है। तीन तलाक पर लगी रोक को एक बेहतर कदम बताते हुए कहा कि ट्रिपल तलाक से मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बद से बदतर हो गई थी। पुलिस भी मामले को देख रही है कि कहीं लड़की किसी दबाव में आकर ये कदम नहीं उठा रही है।

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