मथुरा में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में 60 और प्रधानाध्यापकों को निलंबित किया गया है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. मुकेश अग्रवाल ने शनिवार को बताया कि इस मामले में 20 प्रधानाध्यापकों को 21 जून को ही निलंबित कर दिया था। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी शिक्षकों को बिना किसी सत्यापन के अपने अपने स्कूल में ज्वाइन करा दिया था तथा ज्वाइनिंग का जो आदेश था उसे भी गंभीरता से चेक नही किया गया। वहीं, निलंबित खंड शिक्षाधिकारियों से भी पूछताछ की गई।

डॉ. मुकेश ने बताया कि इस मामले में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार सिंह एवं चार खण्ड शिक्षा अधिकारियों व एक महिला डिस्पैच बाबू को भी दो दिन पूर्व निलम्बित किया जा चुका है। इस दिशा में नौ शिक्षक तथा दलाल समेत सात अन्य पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं।  उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जिन साठ प्रधानाध्यापकों को निलम्बित किया गया है, वे छाता, नन्दगांव, गोवर्धन, फरह, नौहझील एवं मांट के स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात थे। उन्होंने बताया कि 29340 शिक्षकों की भर्ती में मथुरा जिले के 107 शिक्षकों को विभिन्न स्कूलों में जिस प्रकार ज्वाइन करा दिया गया उसकी तह पर जांच पूरी होने पर कुछ और लोग भी पकड़ में आ सकते हैं।

इतना ही नहीं जब भर्ती की जांच के लिए डायरेक्टर की टीम पहुंची थी तब भी इन्होंने सही जानकारी नहीं दी थी। बताया जाता है कि कार्रवाई की जद में अभी कुछ दूसरे शिक्षक भी आ सकते हैं। कार्रवाई वाली सूची में कुछ शिक्षक नेता भी शामिल बताए जा रहे हैं। वहीं एसटीएफ की टीम ने बीएसए दफ्तर पहुंचकर रिकार्ड इकट्ठा किया। निलंबित खंड शिक्षाधिकारियों से भी पूछताछ की गई।

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