देश इस समय भयंकर महामरी से गुजर रहा है। हर दिन 2 लाख से अधिक संक्रमितों का आंकड़ा सामने आरहा है और 4 हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है। इस महामरी ने हजारों बच्चों को अनाथ कर दिया। माता-पिता से उनके बच्चे छीन लिए। इस बीच बाल विकास मंत्रालय संभालने वाली स्मृति जुबिन ईरानी ने सोशल मीडिया  पर एक आंकड़ा पेश किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि, देश में कम से कम 577 बच्चों ने 1 अप्रैल से 25 मई के बीच कोरोना के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को सभी अनाथ हुए बच्चों का ध्यान है और उनके संरक्षण के लिए काम किये जा रहे हैं। ऐसे बच्चों की काउंसलिंग की जरूरत पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सभी बच्चे जिला स्तर पर संरक्षण में हैं।

दरअसल सोशल मीडिया पर लगातार अनाथ बच्चों की तस्वीरे शेयर की जा रही थी जिसमें बच्चों को गोद लेने की अपील भी की जा रही है। कुछ लोग सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इस मौके का फायदा कई लोग उठ रहे हैं। मतलब फर्जी अडॉप्शन चल रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बीजेपी की मंत्री ने ये आंकड़ा मंगलवार को सोशल मीडिया पर शेयर किया और बताया कि ये बच्चे अकेले नहीं है सरकार इनके साथ है।

ईरानी ट्विटर पर लिखा कि केंद्र सरकार हर उस बच्चे के सहयोग और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्होंने कोविड-19 बीमारी के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है।

वहीं इस पूरे मुद्दे पर राज्यों का कहना है कि ऐसे अनाथ बच्चे अकेले नहीं हैं। जिला प्रशासन के सहयोग से वैसे बच्चों को संरक्षण प्रदान किया गया है। ईरानी ने कहा कि राष्ट्रीय मानसिक जांच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) से संपर्क किया गया है। ऐसे बच्चों को अगर किसी भी प्रकार के काउंसलिंग की जरूरत होगी तो सरकार उसकी व्यवस्था करेगी। बच्चों के उत्थान के लिए धन की कोई कमी नहीं है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बतातया कि, अनाथ बच्चों का पुनर्वास उनके विस्तारित परिवारों या चाइल्ड केअर संस्थानों में किया जा रहा था। अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय सभी से ऐसे बच्चों के बारे में चाइल्ड केअर हेल्पलाइन नंबर 1098 पर रिपोर्ट करने का आग्रह कर रहा है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। सरकार ने कमजोर बच्चों को ट्रैक करने में मदद करने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराया है। हर स्तर पर आवश्यक सहायता सुनिश्चित की जा रही है।


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