एक बार फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री पर विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र में ढैंचा बीज घोटाले के हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे को छिपाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने त्रिवेंद्र रावत पर यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने नामांकन पत्र में यह उल्लेख नहीं किया है कि इसी मामले में त्रिपाठी आयोग ने उन्हें दोषी करार दिया था। नेगी के अनुसार रावत ने अपने नामांकन पत्र में यह उल्लेख नहीं किया था कि उनके खिलाफ उच्च न्यायालय में ढैंचा बीज घोटाले से संबंधित मामला विचाराधीन है।

बता दें कि इससे पहले भी नेगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि त्रिवेंद्र ने चुनाव के समय संपत्ति और उम्र को लेकर गलत तथ्य चुनाव आयोग को दिए थे। इसको लेकर चुनाव आयोग ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की संपत्ति के पुनर्मुल्यांकन के आदेश दे दिए हैं। आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को चिट्ठी लिखकर कह दिया है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में चुनावी हलफनामे में रावत ने जो संपत्ति घोषित की थी, उसका दोबारा मूल्यांकन हो और इस बारे में एक रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी जाए।

वहीं अब मुकदमें को लेकर नेगी द्वारा घेरे जाने से सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुश्किलें औऱ भी बढ़ गई है। हालांकि इस मामले में  मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार दर्शन सिंह रावत ने नेगी के आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव से पहले ही ढैंचा बीज घोटाले से बरी हो चुके थे। इसलिए इस जानकारी को चुनाव आयोग को देना जरूरी नहीं था।

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