उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ सूबे में गोरक्षपीठाधीश्वर और गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी की कट्टर हिन्दूवादी छवि और फायरब्रांड नेता की तस्वीर सामने आने लगी। सवाल भी उठने लगे की योगी के मुख्यमंत्री बनने से शायद यूपी में अब सिर्फ एक वर्ग विशेष को तवज्जो मिलेगी लेकिन शपथ ग्रहण के फ़ौरन बाद ही मंत्रियो को संपत्ति का ब्यौरा सौंपने के आदेश के साथ कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की चेतावनी के बाद योगी अपनी पारंपरिक छवि से ऊपर उठने लगे और सिर्फ एक वर्ग नहीं बल्कि सभी वर्गों का योगी पर विश्वास मजबूत होता गया।
आज योगी सरकार अपने 30 दिन पूरे कर चुकी है। 30 दिन में योगी के ताबड़तोड़ फैसले, आधी रात तक चलने वाली बैठकें और मंत्रियो अधिकारियों को नसीहत से योगी ने ये सन्देश दे दिया है कि न सोयेंगे,न सोने देंगे। न खायेंगे न खाने देंगे।हालांकि यह तो बस एक शुरुआत है और आने वाले पांच सालों में सरकार उत्तरप्रदेश को कितना और कैसे विकसित करेगी यह तो भविष्य के आगोश में है लेकिन योगी सरकार पर बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत दिलाने की जिम्मेदारी भी है। इसलिए यह उम्मीद और अपेक्षा सभी को है कि तीस दिनों में धड़ाधड़ लिए गए इन फैसलों का सिलसिला जारी रहेगा।
पढ़िए योगी के 30 बड़े फैसले-
- किसानो का1 लाख तक ऋण माफ़
- अवैध बूचड़खाने बंद
- गोमती रिवर फ्रंट की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज को सौंपने का आदेश
- महापुरूषों के नाम पर होने वाली छुट्टीयों पर पाबंदी
- एंटी रोमियो स्कावड का गठन कर महिला सुरक्षाके लिए बड़ा कदम
- पावर फॉर आल को मंजूरी
- शहरों को24 घंटे गाँवों को 18 घंटे बिजली देने के साथ 48 घण्टे में क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर को बदलने के आदेश
- आलू उत्पादक किसानों को राहत देने के उपायों परविचार करने के लिए कमेटी का गठन
- रबी विपणन वर्ष2017-18 में मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं क्रय नीति को मंजूरी
- गाजीपुर में नवीन स्टेडियम की स्थापना मेंउच्च विशिष्टियां के प्रयोग को मंजूरी
- पुरानी उद्योग नीति में बदलाव करते हुएनई उद्योग नीति के निर्माण का फैसला
- अवैधखनन पर अंकुश के सम्बन्ध में नीति बनाने के लिए मंत्री समूहों का गठन
- पिछली सरकार में शुरू की गयी सभी योजनाओं पर से समाजवादी नाम को हटाने के आदेश
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किए जाने काफैसला
- विकास प्राधिकरणों, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण और उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद का कैग द्वारा आडिट
- तीन तलाक के मुद्दे पर सख्ती
- बिजली विभाग में समूह ग और घ में साक्षात्कार प्रक्रिया ख़त्म
- उ0प्र0 राज्य की सड़कों को15 जून, 2017 तक गड्ढा मुक्त करने का निर्णय
- सूबे के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर कारवाही
- सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2013 में सम्मिलित अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में छूट
- बार्डर एरिया डेवलपमेंट कार्यक्रम केफण्डिंग पैटर्न में परिवर्तन का प्रस्ताव स्वीकृत
- प्रदेश में इंसेफेलाइटिस एवं अन्य जल एवं विषाणु जनितबीमारियों के रोकथान के लिए प्रभावी उपाय करने का निर्णय
- गन्ना मूल्य का समय से भुगतान सुनिश्चित कराने एवं बकायाभुगतान न करने वाली चीनी मिलों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई
- बुन्देलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में पेय जल समस्याके समाधान की कार्य योजना को मंजूरी
- बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत प्रदेश में487 रु0 प्रति क्विंटल की दर से किसानों का एक लाख मीट्रिक टन आलू खरीदने का एलान
- नयी खनन नीति बनाने के साथ ही पिछली सरकार में हुए अवध खनन के जांच के आदेश
- पिछली सरकार में बंटे सभी राशनकार्डो पर से अखिलेश की तस्वीर हटाने के आदेश
- जेपीएनसी और पुराने लखनऊ में सौर्दयीकरण के नाम पर हुए खर्चे की जांच
- सपा सरकार में बंटने वाले यश भारती सम्मान को खत्म करने के आदेश
- पिछली सरकार के कार्यकाल में बने आगरा एक्स्प्रेस वे की जांच की बात
बरहाल सरकार के 30 दिन पूरे होने पर सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा मानते हैं कि हमारे लिए सिर्फ 30 दिन नहीं बल्कि 30 घंटे, 30 मिनट और 30 सेकेण्ड भी अहम् हैं और प्रदेश की जनता ने हमपर भरोसा जताया है इसलिए हम हर वर्ग का ख्याल रखते हुए काम कर रहे हैं। सरकार के 30 दिन पूरे होने पर विपक्ष भी अपने -अपने मुद्दों के साथ सरकार को पानी पी-पी कर कोस रही है। सपा जहाँ योगी सरकार को फ़ोटो सेशन की सरकार बता रही है वही कंग्रेस 30 दिन में सरकार की नाकामियों को गिना रही है। हालांकि योगी कैबिनेट के फैसलों से जनता को काफी उम्मीदें हैं। साथ ही यह डर भी है कि कहीं यह फैसले फाइलों में ही न रह जाएँ।