Uttarakhand के कुशीनगर, यूपी के महराजगंज, देवरिया, आज़मगढ़ और बिहार के गोपालगंज सहित देश के कई शहरों के करीब 27 लोग Libya में फंसे हुए हैं। वीडियो जारी कर इन लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई है कि इन्हें लीबिया में न समय पर खाना दिया जाता है और न ही काम दिया जाता। ये लोग वहां पर इतने परेशान हैं कि तंग आकर एक आदमी ने आत्महत्या तक की कोशिश की। इन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से विदेश मंत्रालय और हमारी सरकार से मदद करने की गुहार लगाई और उन्हें देश वापस लाने के लिए मदद मांगी है।
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक कुशीनगर जिले के मंजय रहनेवाला मुड़िला हरपुर, प्रेम प्रकाश यादव रहनेवाला सिधावें, कलामुद्दीन रहनेवाला तमकुहीराज, अशोक साहनी एवं सतीश निषाद रहनेवाले महुआडीह बैदौली और देवरिया जिले के बागाछापर का रहनेवाला विनोद पांडेय, अजय निषाद रहनेवाला कुबार टोला, सुनील यादव रहनेवाला पथरहवा, पंकज यादव रहनेवाला बघौचघाट, रमेश कुमार रहनेवाला छितही बाजार, आजमगढ़ के रसूलपुर का रहनेवाला धर्मेंद्र कन्नौजिया, गोरखपुर के यादवेला का रहनेवाला शैलेश यादव, मकामपुर के राजेश सोनकर, बिहार के गोपालगंज जिले के कालीछापर का रहनेवाला प्रिंस सिंह सहित विभिन्न शहरों के 27 लोग काम के सिलसिले में दुबई गए थे।
11 अगस्त 2020 से लीबिया में
जब यह लोग दुबई पहुंचे तो उन्हें पता चला कि दुबई में कोई काम ही नहीं है और कंपनी ने उनको लीबिया के लिए मजबूर किया पहले तो यह लोग लीबिया जाने को तैयार नहीं हुए लेकिन आखिरकार कोई चारा ना बचने के चलते मजबूरी में लीबिया गए। यह लोग 11 अगस्त 2020 से लीबिया में हैं। लीबिया जाने पर इन्हें पता चला कि उन्हें किसी कंपनी के हवाले कर दिया गया है और उनके पासपोर्ट और दूसरे अन्य दस्तावेज भी जमा कर लिए गए। लीबिया में कंपनी ने 11 महीने तक इनसे काम कराया और बहुत कम तनख्वाह दी।
जो वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया उसमें यह लोग अपने वतन वापस आने के लिए विदेश मंत्रालय और सरकार से मदद मांग रहे हैं।
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