नोटबंदी के बाद कई खातों में लाखों की राशि जमा हुई लेकिन वह खाताधारक की आय से मेल नहीं खाती है। इस बात की पुष्टि वित्तमंत्री अरूण जेटली ने की है। अरूण जेटली ने बताया कि नोटबंदी के बाद ऐसे ही 18 लाख खातों का पता चला है। साथ ही ऐसे खाताधारकों को नोटिस भी भेजा जाएगा।
अरूण जेटली ने लोकसभा में बताया कि नोटबंदी के बाद निष्क्रिय पड़े खातों और जनधन योजना के तहत खोले गए खातों के दुरुपयोग के संबंध में केंद्र सरकार जांच कर रही है। सार्वजनिक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लगभग 29 फीसदी खाते निष्क्रिय पड़े हुए हैं। नोटबंदी के बाद इन खातों में अधिक राशि जमा करने वालों पर सरकार अपनी नजर लगातार बनाए हुए है। साथ ही जांच के लिए विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है। वित्तमंत्री ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बैंकिंग तंत्र का विस्तार सिर्फ बैंकों तक सीमित नहीं है बल्कि इसके लिए बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट हैं और नए भुगतान बैंक भी बनाए गए हैं। अरूण जेटली ने बताया कि अब तक महिलाएं करोबार के लिए सूक्ष्म वित्तिय संस्थानों से कर्जा लेती रही हैं जिनपर ब्याज दर ज्यादा होती है। लेकिन मुद्रा योजना शुरू होने से इसका भी समाधान किया जाएगा। इसके तहत बैंक शाखाओं को अपने क्षेत्र में एक महिला तथा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के एक व्यक्ति को उद्यमी के रूप में स्थापित करना होगा। इस योजना के तहत महिलाओं के अभी तक 51.5 फीसदी खाते खोले गए हैं।
केंद्र सरकार डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है और इसका दायरा भी दिन-प्रतिदिन बढ़ाता जा रहा है। डिजिटलीकरण बढ़ने के साथ-साथ इसके कई नुकसान भी सामने आ सकते हैं, लेकिन अरूण जेटली का कहना है कि साइबर अपराध के डर से डिजिटलीकरण के बढ़ावे को रोका नहीं जा सकता। साइबर अपराधों के चलते बैंकों में भी अपराध बढ़ेगा लेकिन इनपर रोक लगाने के लिए बैंकिंग उद्योगों के पास अपने विशेषज्ञ हैं।