कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा की कहानी बहुत पुरानी है लेकिन हाल के दिनों में इसमें काफी वृद्धि देखने को मिली है। लोग वहां सेना के जवानों पर पत्थर फेंकने के अलावा उनसे मारपीट करने पर उतारू हो चुके हैं। ऐसी कठिन समस्याओं से निपटना सेना के साथ सरकार के लिए भी चुनौती बन गई है। इन्ही बातों के बीच सेना से दुर्व्यवहार से सम्बंधित वीडियो वायरल होने के बाद देश भर में कश्मीरी नागरिकों के खिलाफ गुस्सा है। अब यह गुस्सा विरोध प्रदर्शन और अलग अलग माध्यमों से देखने को भी मिल रहा है।

देश के कई राज्यों में कश्मीर के लोग रहते हैं। कश्मीरी नागरिक अपनी आजीविका और पढाई के सिलसिले में दूसरे राज्यों का रुख करते हैं। लेकिन हाल के दिनों में सेना के साथ हुए दुर्व्यवहार और पत्थरबाजी की बढती हिंसक घटनाओं के बीच कश्मीर के लोगों के लिए अन्य राज्यों में रहना मुश्किल हो रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि स्थानीय लोगों ने अब इनका विरोध शुरू कर दिया है। इस बाबत कई ऐसी ख़बरें अब तक सामने आई हैं जिनमे कश्मीरी नागरिकों को धमकी मिलने की बात कही गई है। ऐसी ख़बरें राजस्थान और उत्तरप्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों से भी आ रही हैं।

इन ख़बरों के सामने आने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए सभी राज्यों को कश्मीरी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। राजनाथ सिंह ने कहा है कि कई जगहों पर कश्मीरी स्टूडेंट्स के साथ बुरा बर्ताब हो रहा है। मैं साथी मंत्रियों से इस मामले में दखल देने की अपील करता हूं। हमने गृह सचिव से एडवाइजरी जारी करने को कहा है। सभी भारतीयों से अपील करता हूं कि कश्मीर के लोगों को अपना भाई समझें, वो भी देश नागरिक हैं। देश के विकास में कश्मीरियों की भी उतना ही अहम योगदान है जितना कि किसी और राज्य के लोगों का। उनका ख्याल रखें, वो हमारे परिवार का हिस्सा हैं।

राजनाथ सिंह का यह बयान यूपी के मेरठ और राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में कश्मीरियों को धमकी देने और मारपीट करने की घटनाओं के बाद आया है।आपको बता दें कि उत्तरप्रदेश के मेरठ में दिल्ली देहरादून हाईवे पर उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना ने कुछ पोस्टर लगाए है। इस पोस्टर में कश्मीरियो को उत्तर प्रदेश छोड़ने को कहा गया है। पोस्टर्स में कहा गया है कि भारतीय सेना पर पथराव करने वाले कश्मीरियों का बहिष्कार किया जाता है। वह उत्तर प्रदेश छोड़कर चले जाएं। इसके अलावा राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की मेवाड़ यूनिवर्सिटी में कश्मीरी स्टूडेंट्स से मारपीट की गई थी। इसमें 6 कश्मीरी जख्मी हुए थे।कश्मीर के ताज़ा हालात और कश्मीरी नागरिकों को मिल रही धमकियों और मारपीट घटनाओं ने सरकार के सामने नयी चुनौती पेश की है। सरकार इसको लेकर सख्ती भी दिखा रही है लेकिन सुरक्षा सुनिश्चित करना और हालात में सुधर लाना अब भी टेढ़ी खीर है। देखना है गृह मंत्री के आदेशों का कितना पालन होता है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए क्या कदम उठाये जाते हैं।

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