डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीरिया पर मिसाइल हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और रुस के संबंधों में तनाव आ गया है। दुनिया की दो बड़ी शक्तियां युद्ध की स्थिति की ओर बढ़ती दिख रही हैं। अमेरिका ने इस मामले पर और अधिक कार्रवाई की चेतावनी दी है। वहीं रुस ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसकी आक्रामक कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है।
सीरिया सरकार ने अपने शयरात वायुसेना अड्डे से रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने पर अमेरिका ने इसी वायुसेना अड्डे पर 59 टॉमहैंक क्रूज मिसाइल दागा था। जिसके बाद सीरिया में 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की कल आपात बैठक हुई थी। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत एवं इस महीने सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष नियुक्त की गईं निक्की हेली ने अमेरिकी मिसाइल हमलों को उचित ठहराया है।
निक्की हेली ने कहा, ‘‘हमारी सेना ने उस वायुसेना अड्डे को तहस नहस कर दिया है जहां से इस सप्ताह रासायनिक हमले किए गए है। ऐसा करना हम बिल्कुल उचित मानते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका ने बीती रात बेहद सही कदम उठाया है। इस सिलसिले में हम लोग और कार्रवाई करने की तैयारी में हैं लेकिन हमें उम्मीद है कि ऐसा करना जरुरी नहीं होगा। वक्त आ गया है कि सभी सभ्य देश सीरिया में हो रही भयावहता को खत्म करें और इसके राजनीतिक समाधान की मांग करें। अमेरिका अब और इंतजार नहीं करेगा।”
निक्की ने कहा, ‘‘असद शासन का नैतिक कलंक अब अधिक समय तक अनुत्तरित नहीं रह सकता। मानवता के खिलाफ उनका अपराध अब महज खोखले शब्दों से पूरा नहीं किया जा सकता। समय आ गया है कि हम ये कहें, ‘अब बस… बहुत हुआ’, लेकिन इसे सिर्फ कहें ही नहीं बल्कि इसे कर के भी दिखाएं। ताकि बशर अल-असद निश्चित तौर पर फिर कभी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं करे।” निक्की ने रुस पर ईरान के साथ होने का आरोप लगाया और कहा कि जब-जब असद ने मानवता की सीमा लांघी है तब तब रुस असद के साथ खड़ा रहा और उसे सीरिया में संकट के लिये अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।