Farmers Agitation: किसान आंदोलन के 11 महीने पूरे, ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है #11MonthsOfFarmersProtest

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Farmers Protest
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Farmers Agitation: मोदी सरकार के कृषि कानूनों को खिलाफ पिछले 11 महीने से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर सुबह 11 बजे से दोपहर के 2 बजे तक पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान किसानों के मुख्य मुद्दों में लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पद से हटाने, अजय मिश्रा की तुरंत गिरफ्तारी और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में घटना की जांच की मांग को शामिल किया गया है। इसके साथ ही किसान मोर्चा अपनी इन मांगों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम से एक ज्ञापन भी भेजेगा।

वहीं ट्विटर पर यूजर्स ने किसान आंदोलन के पक्ष में #11MonthsOfFarmersProtest नाम से मुहिम भी छेड़ दी है। जिस पर बहुत से यूजर्स किसानों के पक्ष में अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। ट्विटर पर एक यूजर अमन संधू किसानों के पक्ष में लिखते हैं कि 11 महीने और अब भी उसी उत्साह से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। भगवान इन्हें और शक्ति दें।

एक अन्य ट्विटर यूजर नवनीत कौर सोही किसान आंदोलन के पक्ष में लिखती हैं कि 11 महीनों से झेलते हुए, आंदोलन को बचाते हुए और लड़ते हुए आज भी खड़े हैं।

किसान मोर्चा द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे जाने वाले ज्ञापन में लिखा गया है कि 3 अक्टूबर 2021 को हुए लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में जिस तरीके से जांच की जा रही है, उससे पूरे देश को निराशा है और जनता आक्रोश में हैं। देश का सुप्रीम कोर्ट भी इस विभत्स घटना को लेकर पहले ही कई प्रतिकूल टिप्पणी कर चुका है।

इसके अलावा राष्ट्रपति के ज्ञापन में कहा गया है कि उन्होंने (मंत्री अजय मिश्रा) प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण भी दिया था। केंद्रीय मंत्री ने एक वीडियो में अपने संदिग्ध आपराधिक कारनामों का जिक्र करने में भी कोई संकोच नहीं किया।

https://twitter.com/kim_grewal29/status/1452810005342822403

गौरतलब है किसान संगठन पिछले 11 महीने से दिल्ली के आसपास जमा हैं और केंद्र सरकार से नये कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बेमियादी आंदोलन पर हैं। इस दौरान सरकार ने किसानों से कई दौर कि वार्ता भी की लेकिन किसानों और सरकार के बीच में कोई समझौता नहीं हो पाया।

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