बिहार में इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) के क्षेत्र में निवेशकों के लिए राज्य सरकार ने रियायतों का पिटारा खोल दिया है। पटना में ‘बिहार आईटी एंड आईटीईएस इन्वेस्टर कॉन्क्लेव’ में आए आईटी कंपनियों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में निवेश करने की अपील की है। होटल मौर्या में आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सुशील मोदी, उद्योगमंत्री जयकुमार सिंह सहित देश विदेश से आईटी क्षेत्र के विशेषज्ञ और उद्योगपति शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने बिहार में निवेश करने वाली आईटी कंपनियों को अब उत्पादन से पहले ही स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क और कृषि की जमीन को उद्योग में बदलने के लिए लगने वाले शुल्क में सौ फीसदी छूट का ऐलान किया है। वहीं, बैंक से लोन लेने पर स्वीकृत परियोजना लागत का 30% की जगह 50% ब्याज अनुदान दिया जाएगा। साथ ही अधिकतम 10 करोड़ के अनुदान को बढ़ा कर 20 करोड़ कर दिया गया है।

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आईटी सेक्टर में हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर सेक्टर में कम से कम पांच करोड़ रुपए का निवेश हो और 50 से अधिक व्यक्ति कोर एक्टिविटी में लगाए गए हों, तो ऐसी यूनिट को विशेष रियायत दी जाएगी। बशर्ते, तीन साल के अंदर यूनिट में काम शुरू हो जाए।

वहीं उप मुख्यमंत्री सह सूचना प्रावैधिकी मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक दौर में बिहार में कहा जाता था कि आईटी-वाईटी क्या होता है। इस कारण हम पिछड़ गए। अब बिहार भी आईटी के क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है। सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में तीन करोड़ से अधिक लोग मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। सरकार ने निजी आवासों के साथ ही सरकारी भवनों में भी मोबाइल टावर लगाने का निर्णय लिया है। साइबर सिक्युरिटी पर काम होगा। बजट में इसके लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। हर जिले में साइबर सिक्युरिटी ऑफिसर बनाए जाएंगे।

गौरतलब है कि इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी मेड इन इंडिया के तहत एक उद्योग लगाने का आग्रह उद्योगपतियों से किया। उन्होंने कहा कि बिहार को आईटी हब बनाने की तैयारी शुरु हो चुकी है।

हालांकि सीएम ने कहा कि नालंदा में आईटी सिटी बनाने के लिए सरकार ने 100 एकड़ जमीन की व्यवस्था की है तो बिहटा में भी आईटी उद्योग के लिए जमीन है। स्कूलों में आईटी के सहारे शिक्षा देने की योजना है। बिहार के 4483 पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर केबल पहुंच चुका है। बाढ़ से निपटने में भी तकनीक का सहारा लिया जाएगा। डिजिटल इंडिया का सपना बिहार में साकार होगा। उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने औद्योगिक नीति का हवाला देते हुए उद्यमियों से बिहार में आईटी के क्षेत्र में निवेश करने की अपील की। नई नीति में 365 प्रस्तावों में 500 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है।

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