ओलंपिक एथलीट Geeta Phogat ने नोएडा स्थित आईकेयर आई अस्पाताल में लासिक की नई टेक्नोलॉजी का किया उद्घाटन

Geeta Phogat: आज के समय में ये सबसे ज्यादा सुरक्षित सर्जरी है और इसे अमेरिका के एफडीए की तरफ से मान्यता मिली है।

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Geeta Phogat
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Geeta Phogat: बुधवार को नोएडा में देश के लिए काफी सारे पदक जीत कर नाम रोशन करने वाली पहलवान गीता फोगाट ने आईकेयर आई अस्पताल में लासिक की नई टेक्नोलॉजी कॉन्टूरा विजन का उद्घाटन किया। अस्पताल के डॉक्टर्स ने इसे आंखों की होने वाली सर्जरी में अब तक की नई तकनीक बताया है।

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Geeta Phogat: क्या है नई तकनीक लासिक कॉन्टूरा विजन ?

आज के समय में ये सबसे ज्यादा सुरक्षित सर्जरी है और इसे अमेरिका के एफडीए की तरफ से मान्यता मिली है।आंखों की रिफ्रैक्टिव और चश्मे की पावर से जूडी हुई परशानियों को ठीक करती है। कॉन्टूरा विजन से न तो ब्लड निकलता है और न ही दर्द होता है और बहुत ही जल्दी इस मशीन से सर्जरी हो जाती है। इसमें न तो टांके लगाने की ज़रूरत होती है और न ही इंजेक्शन इस्तेमाल करने की। इस सर्जरी के लिए मरीज को एडमिट होने की भी जरूरत नहीं है सर्जरी होते ही तुरंत मरीज जा सकते हैं।

इस टेक्नोलॉजी का उद्घाटन करते हुए गीता फोगाट ने कहा कि वे एक एथलीट होने के नाते अच्छी आंखें होने के महत्त्व को अच्छे से समझ सकती हैं। वे बहुत खुश हैं कि हमारे देश में ये नई टेक्नोलॉजी आई है। उनका मानना ​​है कि ये दिल्ली-एनसीआर के लोगो के लिए एक वरदान है। खास कर जो लड़कियां शादी करने जा रही हैं, जो लड़के चाहते हैं कि वे अच्छे दिखें, जो एथलीट बनना चाहते हैं , जो लोग आर्मी से जुडना चाहते हैं और हर एक इंसान के लिए जो चश्मा नहीं लगाना चाहते हैं और को कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तमाल नहीं करना चाहते हैं।

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Geeta Phogat:  स्पोर्ट्स को लेकर गीता फोगाट ने कही ये बात

इस मौके पर अस्‍पताल के सीईओ डॉक्‍टर सौरभ चौधरी ने कहा कि आईकेयर आई अस्‍पताल का उद्देश्य है कि दुनिया में नई टेक्‍नोलॉजी की मदद से तमाम मरीजों की मदद करें और उन्‍हें किफायती दामों पर इलाज उत्‍पलब्‍ध कराए।

इस मौके पर गीता फोगाट से स्पोर्ट्स पर भी सवाल किए गए थे। उनसे पूछा गया कि जब उनके करियर की शुरुआत हुई थी तबसे लेकर अब तक वे हरियाणा में स्पोर्ट्स को लेकर क्या बदलाव महसूस करती हैं? जिसका जवाब देते हुए उन्होने कहा कि उनके समय में इतनी प्रतियोगिताएं खेल को लेकर आयोजित नहीं होती थी, बस एक दो राष्ट्रीय प्रतियोगिता होती थीं पर आज के समय में काफी ज्यादा डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी प्रतियोगिता होतीं हैं, पहले लोग अपने बच्चों को खेल में आगे बढ़ने के लिए कम सपोर्ट करते थे पर अब ऐसा नहीं है, लोग सपोर्ट करते हैं। अब काफी अच्छी बच्चों को सुविधाएं भी दी जा रही हैं उनके स्कूलों में कॉलेजों में भी स्पोर्ट्स को लेकर बहुत कुछ सिखाया जा रहा है।

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