Pollution: पराली का धुआं घटा, Delhi-NCR में लोगों ने ली राहत की सांस

Pollution: इस दीवाली दिल्‍ली में हवा बीते 8 वर्ष में सबसे ज्‍यादा साफ थी, लेकिन दीवाली में दो दिन बाद ही पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने की घटनाओं में एकाएक आई तेजी के कारण दिल्‍ली के एक्‍यूआई पैरामीटर पर इसका असर साफ नजर आने लगा।

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Pollution:बीते दिनों स्‍मॉग चैंबर में तब्‍दील हो चुकी दिल्‍ली-एनसीआर की हवा में मंगलवार को थोड़ा सुधार हुआ। बीते सोमवार दिल्‍ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्‍सेदारी 14 फीसदी दर्ज की गई, जबकि चार दिन पूर्व यह 34 फीसदी तक पहुंच गई थी।इससे वायु की गुणवत्‍ता का स्‍तर भी बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था।हालांकि इस दीवाली दिल्‍ली में हवा बीते 8 वर्ष में सबसे ज्‍यादा साफ थी, लेकिन दीवाली में दो दिन बाद ही पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने की घटनाओं में एकाएक आई तेजी के कारण दिल्‍ली के एक्‍यूआई पैरामीटर पर इसका असर साफ नजर आने लगा।

मालूम हो कि बीते 7 दिनों में लोगों ने गंभीर वायु गुणवत्‍ता वाले तीन दिनों का सामना किया। इस दौरान एक्‍यूआई का लेवल 450 तक पहुंच गया।आलम ये था कि धुंध और प्रदूषण की परत जमने से आसमान धुंधला नजर आने लगा।हालांकि बीते दो दिनों से हवा की दिशा में बदलाव होने से हल्‍की राहत मिली है।

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Pollution Level in Delhi.

Pollution: दिल्‍ली का AQI बेहद खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बीते सोमवार दिल्‍ली का एक्‍यूआई 354 दर्ज किया गया, जोकि बेहद खराब श्रेणी में माना जाता है।हालांकि रविवार को को यह 339 था।पिछले 24 घंटे के भीतर इसमें 15 अंकों का इजाफा हुआ, लेकिन अभी भी यह बेहद खराब की श्रेणी में बना हुआ है।

Pollution: इन इलाकों का AQI ज्‍यादा खराब

  • शादीपुर – 403
  • जहांगीरपुरी – 398
  • वजीरपुर – 393
  • नेहरू नगर – 381
  • विवेक विहार – 376

Pollution: पीएम10 प्रदूषक कणों का स्‍तर 282 माइक्रोग्राम

गौरतलब है कि दिल्‍ली की वायु गुणवत्‍ता में सुधार हुआ है।बावजूद इसके हवा में अभी भी जहरीले प्रदूषक हैं।सीपीसीबी के अनुसार सोमवार की शाम 5 बजे हवा में पीएम10 प्रदूषक कणों का स्‍तर 282 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर और पीएम 2.5 प्रदूषक कणों का स्‍तर 157 माइकोग्राम प्रति घनमीटर रहा।

Pollution: NCR में एंटी स्‍मॉग गन अनिवार्य

एनसीआर में लगातार बढ़ रही धूल की रोकथाम के लिए केंद्रीय वायु गुणवत्‍ता प्रबंधन आयोग ने निर्माण और ध्‍वस्‍तीकरण स्‍थलों के लिए नियम सख्‍त कर दिए हैं। दिल्‍ली-एनसीआर में प्रदूषण के बड़े कारकों में धूल भी शामिल है।दरअसल निर्माण और ध्‍वस्‍तीकरण स्‍थलों से उड़ने वाली धूल इसका बड़ा कारण है।इसके चलते आयोग ने अब निर्माण और ध्‍वस्‍तीकरण पर प्रदूषण के नियमों को सख्‍त कर दिया है। 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर के निर्माण स्‍थल पर एक एंटी स्‍मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा। 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर के निर्माण स्‍थल पर दो एंटी स्‍मॉग गन और 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर पर 3 एंटी स्‍मॉग गन लगानी अनिवार्य है।

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