Environment News: कॉमन कॉर्प मछली नैनीझील के लिए बनी खतरा, तलहटी की मिट्टी खाने से बढ़ा भूस्‍खलन का खतरा

Environment News: प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि विश्‍व प्रसिद्ध नैनी झील का अस्तित्‍व बचाने के लिए अब खतरा बन चुकी कॉमन कॉर्प मछली को निकाला जाएगा। इनके स्‍थान पर झील के अंदर इको फ्रेंडली मछलियों को डाला जाएगा।

0
297
Environment News
Environment News: Naini Lake.

Environment News: सरोवर नगरी नैनीताल में भूस्‍खलन और इको सिस्‍टम बिगड़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके लिए काफी हद तक जिम्‍मेदार मानवीय गतिविधियां हैं। दूसरी तरफ यहां की मशहूर नैनी झील में पाई जाने वाली कॉमन कॉर्प मछली भी है। जोकि बहुतायत में झील के अंदर मिलती है।
ये मछली भोजन की तलाश में झील की तलहटी और पहाड़ियों को लगातार कुरेद कर खोखला कर रही है। इसकी वजह से झील में गाद भरने के साथ भूस्‍खलन का खतरा भी बढ़ गया है। इसका खुलासा पंतनगर विश्‍वविद्यालय और शीतजल मत्‍स्‍य अनुसंधानकेंद्र के वैज्ञानिकों के अध्‍ययन में हुआ है।

common corp fish 2
Environment News: Common Corp Fish.

Environment News: प्रशासन ने उठाया कदम

Naini lake 2
Environment News: Famous Naini lake.

स्‍थानीय प्रशासन वर्ष 2019 से नैनी झील के डेल्‍टा बनने के बाद से झील के हालात सुधारने के लिए लगातार काम कर रहा है। झील के अंदर पाई जाने वाली कॉमन कॉर्प मछली झील से सटी पहाड़ियों को नुकसान पहुंचा रही है। यही वजह है कि झील में गाद बढ़ने के साथ ही प्राकृतिक स्‍तोत्र भी प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि विश्‍व प्रसिद्ध नैनी झील का अस्तित्‍व बचाने के लिए अब खतरा बन चुकी कॉमन कॉर्प मछली को निकाला जाएगा। इनके स्‍थान पर झील के अंदर इको फ्रेंडली मछलियों को डाला जाएगा।

Environment News: कहां मिलतीं हैं कॉमन कॉर्प प्रजाति की मछलियां?

ये मछली मीठे पानी में अधिक पाई जाती है। करीब 12 से 24 इंच लंबाई वाली कॉमन कॉर्प का वजन 14 किलोग्राम तक होता है। इस मछली का भोजन नदी की तलहटी से मिटटी और जैविक पदार्थ खाना होता है।

Environment News: पिछले कुछ वर्ष से बढ़ रहा भूस्‍खलन

नैनीताल की मशहूर ठंडी सड़क और माल रोड पर पिछले 2 वर्षों के दौरान भूस्‍खलन तेजी से बढ़ा है। इसका कारण सड़क का झील से सटे होने के साथ ही मछलियों द्वारा लगातार मिटटी खाना भी है। यही वजह है कि सड़क दरकने के साथ धंस भी रही है। नैनी झील के अंदर 60 फीसदी कॉमन कॉर्प प्रजाति की मछली के अलावा गोल्‍डन महाशीर, महाशीर और मोगरा प्रजाति भी पाई जाती है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here