Jai Bhim फिल्म की Summary को Oscars ने अपने YouTube चैनल पर किया अपलोड

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Jai Bhim on Oscars' YouTube Channel
Jai Bhim on Oscars' YouTube Channel

जय भीम (Jai Bhim) फिल्म 2 नंवबर 2021 को रिलीज हुई थी। फिल्म की चर्चा अब तक खत्म नहीं हुई है। रिलीज के दौरान हर जगह जय भीम की चर्चा हो रही थी। तमिल फिल्म जय भीम ने स्त्री विमर्श, दलित विमर्श, आदिवासी विमर्श जैसी बातों को सामने रखा है। फिल्म ने 50 करोड़ से अधिक की कमाई की थी। एक बार फिल्म की चर्चा फिर शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर #JaiBhim ट्रेंड कर रहा है। दरअसल फिल्म की समरी को Director TJ.Gnanavel के साथ ऑस्कर (Oscars) ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया है।

Jai Bhim की चर्चा

Jai Bhim
Jai Bhim

Oscars पर जय भीम के डायरेक्टर TJ.Gnanavel फिल्म के एक एक सीन को बारीकी से समझा रहे हैं। TJ.Gnanavel बता रहे हैं कि फिल्म की शुरुआत में जो सीन दिखाया गया है वही असल थीम है। फिल्म बता रही है कि ताकतवर लोग कैसे गरीब बेसहारा लोगों को कुचल देते हैं। इसमें प्रशासन उनकी मदद करता है।

Oscars ने जय भीम को 18 जनवरी 2022 को अपने YouTube चैनल पर अपलोड़ किया है। साथ ही लिखा है JAI BHIM | Scene At The Academy इसे अब तक 9,150 Views मिल चुके हैं। 19 हजार लोग लाइक कर चुके हैं। जारी किया गया वीडियो 12 मिनट 47 सेकेंड का है। फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि एक जेल से कैदी बाहर निकल रहे हैं और उनको जाति के आधार पर अलग खड़ा किया जा रहा है। सवर्ण जाति के कैदियों को पुलिस छोड़ देती है जबकि दलित या जनजातीय लोगों पर फर्जी मामले दर्ज कर फिर से जेल में ठूस दिया जाता है।

Jai Bhim में सूर्या का किरदार

Jai Bhim on Oscar's YouTube Channel
Jai Bhim on Oscar’s YouTube Channel


फिल्म में चंद्रू नाम के एक वकील को दिखाया गया है, ये किरदार असल जिंदगी में मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस चंद्रू से प्रेरित है। वकील चंद्रू का किरदार तमिल अभिनेता सूर्या ने निभाया है। वकील चंद्रू के पास समाज के हाशिये के लोग अपने मामले लेकर आते हैं और चंद्रू उनको इंसाफ दिलाने का काम करते हैं।

फिल्म में सूर्या ने वकील चंद्रू और लिजोमोल जोस ने सेनगानी के किरदार को बखूबी निभाया है और निर्देशक ने कोर्ट रूम ड्रामा को भी अच्छे से फिल्माया है। फिल्म में कई जगह बेहतरीन संवाद सुनने को मिलेंगे। ये फिल्म बताती है कि पुलिस प्रशासन और अदालतों को समाज के हाशिये के लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील , अधिक मानवीय, पक्षपातरहित होने की जरूरत है।

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