मुंबई की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत (Mumbai court) ने गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की शिकायत को स्थानांतरित करने की अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की याचिका को खारिज कर दिया हैं। याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, “यह कानून की एक स्थापित स्थिति है कि कार्यवाही को एक अदालत से दूसरी अदालत में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।”
मजिस्ट्रेट एसटी दांडे ने कहा कि कंगना रनौत सकारात्मक ठोस मामला बनाने में विफल रही हैं। यदि झूठे आरोपों के आधार पर मामले को स्थानांतरित किया जाता है, तो यह पीठासीन अधिकारी के मनोबल को प्रभावित करेगा। मामले को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, 10वीं कोर्ट, अंधेरी, मुंबई से किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने के लिए कोई आधार नहीं बनाया गया है।”
अंधेरी कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने आरोपों से किया इनकार
मजिस्ट्रेट दांडे ने अंधेरी कोर्ट के मजिस्ट्रेट आरआर खान से बात करने के लिए कहा था, जिनके खिलाफ कंगना रनौत ने आरोप लगाए थे। अपनी बात को नोट करने के बाद, मजिस्ट्रेट ने कहा, “मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने विशेष रूप से मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के आरोपों का खंडन किया है। मैंने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, 10 वीं अदालत, अंधेरी, मुंबई द्वारा पारित सभी आदेशों का अध्ययन किया है। उन्होंने विवेकपूर्ण तरीके से आदेश पारित किए हैं।”
मजिस्ट्रेट दांडे ने आगे कहा, “केवल इसलिए कि अदालत कानून की प्रक्रिया का पालन करके मामले के साथ आगे बढ़ती है, इसका मतलब यह नहीं है कि अदालत आवेदक/आरोपी के खिलाफ पूर्वाग्रह है। बता दें दरअसल कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के एक इंटरव्यू पर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद कंगना मानहानि याचिका को रद्द करवाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) पहुंच गईं, आपको बता दें कि हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को रद्द कर दिया था।
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