Himachal Pradesh Election 2022 Result: 40 सीटों के साथ हिमाचल में कांग्रेस बनाने जा रही है सरकार, जानें जीत के पीछे की 5 बड़ी वजह

Himachal Pradesh Election 2022 Result: हालांकि स्‍पष्‍ट बहुमत मिलने के बाद प्रदेश में सरकार बनाने की ओर पार्टी मंथन कर रही है।वहीं सीएम पद की रेस में कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, वरिष्ठ नेता सुधीर शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह आदि के नाम आगे चल रहे हैं।

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Himachal CM Candidate
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Himachal Pradesh Election 2022 Result: 8 दिसंबर 22 का दिन कांग्रेस के लिए बेहद खास है। पिछले काफी समय से राजनीति में जद्दोजहद कर रही इंडियन नेशनल कांग्रेस को आज यानी गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में मिली जीत के बाद नई संजीवनी मिल गई है। हालांकि इसके लिए पार्टी में कई ऐसे चेहरों ने काम किया है,जिनकी बदौलत एक लंबे अरसे के बाद जनता ने पार्टी को मौका दिया है।

40 सीटों का स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद प्रदेश में सरकार बनाने की ओर पार्टी मंथन कर रही है। वहीं सीएम पद की रेस में कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, वरिष्ठ नेता सुधीर शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह आदि के नाम आगे चल रहे हैं। इन सबके बीच ये जानना बेहद जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की जीत के 5 बड़े कारण क्‍या रहे ?

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Himachal Pradesh Election 2022 Result:यहां जानिए जीत की 5 बड़ी वजहें

Himachal Pradesh Election 2022 Result: पुराने वादों की जगह वीरभद्र मॉडल पर दिया जोर- चुनाव पूर्व कांग्रेस ने जनता के बीच में जाकर वोटर का रुख समझने की कोशिश की। इसी क्रम में यहां के लोगों से जुड़ने की कोशिश भी की। प्रचार के दौरान पार्टी ने वीरभद्र सिंह के मॉडल का जिक्र किया।

कद्दावर चेहरों पर जताया भरोसा-कांग्रेस पार्टी ने प्रचार से लेकर टिकट वितरण में पार्टी के कद्दावर चेहरों पर पूरा भरोसा जताया। उनके जरिए जमीनी स्‍तर पर लोगों से जुड़ने की कोशिश की गई।
पेंशन और बेरोजगारी की समस्‍या को उठाया- कांग्रेस ने भाजपा सरकार के शासनकाल में पेंशन एवं बेरोजगारी की समस्‍या पर जनसमर्थन जुटाने का भरपूर प्रयास किया। इसमें उन्‍हें काफी हद तक सफलता भी मिली।इस दौरान सरकार के गठन के तुरंत बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने पर जोर दिया। कर्मचारियों को देय एरियर का निश्चित समयावधि में भुगतान सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का वादा- पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां बड़ा तबका किसान और खेती से जुड़ा है। ऐसे में पार्टी ने पूरी कोशिश की, कि उस वर्ग से जुड़ा जाए।चुनाव के दौरान न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिन करने की बात कही गई।फल एवं सब्जियों को बाजार तक सुचारू रूप से पहुंचाकर उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए वेजिटेबल एंड हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग फेडरेशन के गठन पर जोर दिया।

भू-अधिग्रहण में मुआवजे का प्रावधान – कांग्रेस की ओर से वोटरों को इस बात से आश्‍वस्‍त करने का भरसक प्रयास किया गया कि सरकार ग्रामीण सड़कों के लिए भू-अधिग्रहण कानून लागू कर भू-स्वामियों को चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान करेगी।इसके लिए भू-मालिकों एवं आम आदमी के सुझावों पर भी पार्टी ने ध्‍यान दिया। इसके साथ ही पुराने वोटर्स की विश्‍वास जीतने के लिए उनसे जुड़ने की कोशिश की।इसमें महिला एवं युवाओं की सहभागिता पर जोर दिया।

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