27 सालों से गुजरात की सत्ता की चाबी BJP के हाथ, जानिए कैसा रहा चुनावों में पार्टी का इतिहास

साल 2002 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसी के साथ गुजरात में मोदी का दौर शुरू हुआ। वह साल 2014 तक गुजरात के सीएम रहे।

0
143
Gujarat Election 2022: 27 सालों से गुजरात की सत्ता की चाबी BJP के हाथ, जानिए कैसा रहा चुनावों में पार्टी का इतिहास
Gujarat Election 2022: 27 सालों से गुजरात की सत्ता की चाबी BJP के हाथ, जानिए कैसा रहा चुनावों में पार्टी का इतिहास

Gujarat Election 2022: इस साल दिसंबर में गुजरात विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। तमाम राजनीतिक पार्टियों ने जीत के लिए अपनी कमर कस ली है। गुजरात भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है। जहां कांग्रेस से लेकर AAP के लिए सेंधमारी करना आसान नहीं है। अगर साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ही सत्ता में आती है तो राज करने के मामले में ये कांग्रेस को भी पीछे छोड़ देगी।

1 मई 1960 को गुजरात राज्य का गठन हुआ था। राज्य को पूरे 62 साल हो चुके हैं। इसी के साथ कुल 17 नेता राज्य की सीएम कुर्सी पर बैठ चुके हैं। महाराष्ट्र से अलग हुए गुजरात राज्य में नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा समय के लिए मुख्यमंत्री रहे हैं। वह साल 2001-2014 तक सीएम रहे। वर्तमान में हाल ऐसा है कि गुजरात बीजेपी का ना सिर्फ गढ़ है, बल्कि तमाम निर्णयों की प्रयोगशाला बन गया है।

Gujarat Election 2022: 27 सालों से गुजरात की सत्ता की चाबी BJP के हाथ, जानिए कैसा रहा चुनावों में पार्टी का इतिहास

Gujarat Election 2022: ऐसा रहा गुजरात में बीजेपी का इतिहास

अगर गुजरात में बीजेपी के 27 सालों के इतिहास पर नजर डाले तो चुनाव के परिणामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। राज्य में बीजेपी के उदय की शुरुआत साल 1990 के आस-पास हुई। उस समय लाल कृष्ण आडवाणी बड़े नेता थे और राज्य स्तर पर केशुभाई पटेल, शंकर सिंह जैसे नेताओं का चेहरा था। 7 साल पुरानी पार्टी ने गुजरात के नगर निगम चुनावों में जीत हासिल की। 1987 में अहमदाबाद में कमल खिला और यही वो समय था जब नरेंद्र मोदी बीजेपी में आए।

इसके बाद 3 साल के अंतराल पर जब चुनाव हुए तो बीजेपी पहली बार प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। सत्ता में आने के लिए बीजेपी सिर्फ 4 सीट की दूरी पर थी। इस चुनाव में बीजेपी को 67 सीटें मिली थीं। वहीं, जनता दल के पास 70 सीटें थीं, कांग्रेस के पास 37 सीटें थीं।

Gujarat Election 2022: 27 सालों से गुजरात की सत्ता की चाबी BJP के हाथ, जानिए कैसा रहा चुनावों में पार्टी का इतिहास

जनता दल के नेता चिमनाभाई को मुख्यमंत्री बनना था तो उन्होंने दूसरे नंबर की पार्टी बीजेपी की तरफ हाथ बढ़ाया। 4 मार्च 1990 में गठबंधन के साथ चिमनाभाई पटेल दूसरी बार गुजरात के सीएम बन गए। हालांकि, दोनों पार्टियां गठबंधन में होने के बाद भी कई मुद्दों पर इनके बीच मतभेद रहा। हालात ऐसे हुए कि 8 महीने बाद ही ये गठबंधन टूट गया। चिमनाभाई पटेल को अपनी सरकार बचानी थी। ऐसे में चिमनभाई ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया।

गठबंधन से बाहर आने के बाद एक बार पिर बीजेपी के लिए राजनीति में संघर्ष का दौर शुरू हो गया। मगर चिमनाभाई की सरकार में भी कई ऐसी समस्याएं हुईं जिसका फायदा बीजेपी को मिला। चिमनाभाई की सरकार पर भ्रष्टाचार से लेकर गुंडागर्दी के राज के कई आरोप लगे। इन सब कारणों से राज्य में पार्टी की छवि खराब हुई।

इस समय राम मंदिर आंदोलन ने जोर पकड़ा हुआ था। अयोध्या में विवादित ढांचे को लेकर माहौल काफी गरम था। 12 महीने के अंतराल में अयोध्या में विवादित ढांचा गिरा दिया गया। 1992 की अयोध्या की घटना के तीन साल बाद गुजरात में फिर चुनाव हुए।

Gujarat Election 2022: 27 सालों से गुजरात की सत्ता की चाबी BJP के हाथ, जानिए कैसा रहा चुनावों में पार्टी का इतिहास

1995 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता में आयी और तब से वह सत्ता की कुर्सी पर विराजमान है। इस समय तक बीजेपी की छवि हिंदुत्व को लेकर आगे जाने वाली बन गई थी। ऐसे में बीजेपी अपने दम पर राज्य चुनाव में सत्ता में आयी। बीजेपी को इस चुनाव में 121 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 45 और निर्दलीय 17 जीते। इन चुनावों में जनता दल का पत्ता साफ हो गया। उस समय जीत का श्रेय लालकृष्ण आडवाणी, केशुभाई पटेल समेत नरेंद्र मोदी को दिया गया। उस समय केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री बने।

साल 2002 में विधानसभा चुनाव हुए। इस बार के चुनाव में बीजेपी को सबसे अधिक सीटें मिलीं। इस साल 182 विधानसभा सीटों में से 181 पर चुनाव हुए थे। इस चुनाव में बीजेपी को 127 सीटें मिली थीं। इस जादुई आंकड़ें को बीजेपी दोबारा छू नहीं पायी। वहीं, इस चुनाव में कांग्रेस को 50 सीटें मिलीं। साल 2002 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने।

बात करें अगर साल 2007 के विधानसभा चुनाव की तो इसमें 182 सीट में से बीजेपी को 117 सीट मिली थी। यह आंकड़ा साल 2002 में मिली विधानसभा सीट से काफी कम था।

साल 2012 के विधानसभा में गुजरात की 182 सीटों में बीजेपी को 115 सीटें मिली थीं। इस बार कांग्रेस को 61 सीटें ही मिलीं। बाकी बची सीटें अन्य के खाते में गई।

इसी के साथ गुजरात में मोदी का दौर शुरू हुआ। वह साल 2014 तक गुजरात के सीएम रहे। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का चेहरा बनकर नरेंद्र मोदी चुनावी रण में उतरे। करीब 30 साल बाद ऐसा हुआ कि किसी पार्टी ने लोकसभा में अकेले ही बहुमत हासिल किया। ये जीत 2019 में भी जारी रही। मोदी लहर के चलते बीजेपी 303 के आंकड़े पर जा पहुंची।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here