देश में कार्बन उत्‍सर्जन में कटौती की तैयारी, ‘Green Hydrogen’ के उत्‍पादन पर सरकार का फोकस

'Green Hydrogen' दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स अडाणी समूह के गौतम अदाणी ने इसी वर्ष जून में कहा था कि वह और फ्रांस की टोटाल एनर्जी संयुक्त रूप से ‘दुनिया का सबसे बड़ा हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र’ बनाएंगे।

0
170
Green Hydrogen top news of India
Green Hydrogen

‘Green Hydrogen’ : भारत कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने और ग्रीन हाइड्रोजन उद्योग के लिए 2 अरब डॉलर प्रोत्साहन कार्यक्रम की योजना बना रहा है।जानकारी के अनुसार 180 अरब रुपये (2.2 अरब डॉलर) के प्रोत्साहन का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन लागत को पांचवें हिस्से तक कम करना है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग के पैमाने को बढ़ाकर ऐसा करेगा।
अभी भारत में मौजूदा कीमत 300 रुपये से लेकर 400 रुपये प्रति किलो तक है।अमेरिका और यूरोपियन संघ पहले ही ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर की प्रोत्साहन की अनुमति दे चुके हैं।हाइड्रोजन का इस्तेमाल ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है।

यह एक विद्युत प्रक्रिया, इलेक्ट्रोलिसिस के साथ पानी को विभाजित करके बनाया जाता है।जो उपकरण इलेक्ट्रोलाइजर, नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा संचालित होते हैं उनके उत्पाद को ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है। यह ग्रीनहाउस उत्सर्जन से मुक्त ईंधन है।

'Green Hydrogen top news.
Green Hydrogen.

‘Green Hydrogen’ : हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र’ प्रोजेक्‍ट

आगामी 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए 1 फरवरी के बजट में भारतीय सहायता की घोषणा की जा सकती है।नवीकरणीय ऊर्जा और वित्त मंत्रालय के अनुसार भारतीय कंपनियां जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल, एनटीपीसी, अडाणी एंटरप्राइजेज, जेएसडब्ल्यू एनर्जी और एक्मे सोलर की ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर बड़ी योजनाएं हैं।

दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स अडाणी समूह के गौतम अदाणी ने इसी वर्ष जून में कहा था कि वह और फ्रांस की टोटाल एनर्जी संयुक्त रूप से ‘दुनिया का सबसे बड़ा हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र’ बनाएंगे।

Green Hydrogen: भारत सरकार करेगी निवेश

Green Hydrogen ki top khabar.
Green Hydrogen.

भारत सरकार वर्ष 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन उत्‍पादन में 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी।इसके साथ-साथ ग्रीन अमोनिया उत्‍पादन पर भी फोकस होगा। मालूम हो कि अक्षय ऊर्जा स्रोतों के इस्‍तेमाल और नाइट्रोजन को हाइड्रोजन के साथ मिलाकर ग्रीन अमोनिया बनाया जाता है। इसका उपयोग उर्वरक उद्योग द्वारा या ईंधन के रूप में किया जा सकता है।ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए प्रोत्साहन राशि तीन साल के लिए 50 रुपये प्रति किलो होने की संभावना है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here