फेसबुक का फेस इस समय इतना धुंधला हो चुका है कि लोगों का इसपर से यकीन उठ चुका है। हाल ये है कि फेसबुक बनाने वाले को ही अपना फेस हर जगह दिखाना पड़ रहा है और फेसबुक के फेस पर सफाई देनी पड़ रही है। दरअसल, फेसबुक के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस कमेटी में डेटा लीक स्कैंडल पर सफाई देने के लिए पेश होंगे। कांग्रेस के सामने जुकरबर्ग की दो दिन (मंगलवार और बुधवार) को पेशी होगी, जिसके लिए उन्होंने अपना माफीनामा पहले ही तैयार कर लिया है। पेशी के दौरान मार्क जुकरबर्ग अपनी सांसदों के सामने अपनी और अपनी कंपनी का पक्ष रखेंगे।

बता दें कि फेसबुक डेटा लीक मामले में फेसबुक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ गए हैं। आरोप है कि डेटा एनालिसिस फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने अमेरिका में 5 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स के डेटा में सेंधमारी करके इसका इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने में किया है। इस मामले में फेसबुक की भूमिका संदेह के दायरे में है। फेसबुक पर आरोप है कि उसने अपने यूजर्स के डेटा को बेचा है। इस मामले में जुकरबर्ग ने स्वीकार किया है कि पिछले कुछ सालों में फेसबुक से गलती हुई और वह इसे सुधारने के लिए कई कड़े कदम उठाने के लिए तैयार है।

इससे पहले मार्क जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि जलद् ही उनकी कंपनी कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने वाली है। इसके बाद उन्होंने एक-एक कर उन कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम एक नया एआई टूल बनाएंगे जो हजारों फेक अकाउंट्स की पहचान करके उन्हें डिलीट करेगा। इसके अलावा, यह एआई सभी राजनीतिक विज्ञापनदाताओं और बड़े पेज के एडमिन्स को वेरिफाई करेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ऐड ट्रांसपैरेंसी टूल लॉन्च होगा। हम एक स्वतंत्र इलेक्शन रिसर्च कमिशन बनाएंगे जो चुनाव और लोकतंत्र पर सोशल मीडिया के प्रभाव पर रिसर्च करेगा।  उन्होंने आगे लिखा कि इसके लिए फेसबुक अमेरिका के कई संगठनों से बात कर रही है ताकि शिक्षाविदों और रिसर्चर्स की एक कमेटी बनाई जा सके।

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