संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से उस प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके तहत उत्तर कोरिया पर अब तक सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधो से उत्तर कोरिया के बड़े निर्यातकों को निशाना बनाने के साथ-साथ उसके तेल के निर्यात में 30 फीसदी की कटौती की जाएगी।

लगातार उत्तर कोरिया एक के बाद एक न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है जिसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को उत्तर कोरिया पर एक नया प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध अमेरिका की ओर से तैयार किया गया था। इन नए प्रतिबंधों पर चीन और रूस ने भी अपनी सहमति जताई है। संयुक्त राष्ट्र की बैठक में सभी सदस्यों ने 15-0 से वोट देकर उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध को सही ठहराया।

इस प्रतिबंध के द्वारा उत्तर कोरिया के बड़े-बड़े निर्यात उत्पादों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनमें तेल, टैक्सटाइल, विश्वभर के मजदूरों के उत्तर कोरिया जाने के करार को रद्द करना, स्मगलिंग के प्रयासों को पूरी तरह खत्म करना, अन्य देशों के साथ साझा कार्यक्रम को रोकना, उत्तर कोरिया की सरकार की तमाम संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाना आदि चीजें शामिल हैं। इसके अतंर्गत तेल के निर्यात में भी 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। इसके साथ उत्तर कोरिया भेजे जाने वाले कोयला, लीड और सीफूड पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा कि उत्‍तर कोरिया के परमाणु परीक्षणों के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में पैदा हुए तनाव को खत्‍म करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उठाए गए आवश्‍यक कदमों का चीन समर्थन करता है।

अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि हम लगातार कोशिश करके थक गए हैं कि कैसे उत्तर कोरिया अपने परीक्षण को रोके। ऐसे में हम कोशिश कर रहे हैं कि उत्तर कोरिया गलत करने से रोक सके।

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