पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सच बोलना बहुत भारी पड़ गया है। 26/11 को मुंबई में हुए हमलों में पाकिस्तान के आतंकियों का हाथ बताने वाले नवाज शरीफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। नवाज शरीफ के बयान को राजद्रोह बताते हुए यह याचिका पाकिस्तान अवामी तहरीक के खुर्रम नवाज की ओर से अधिवक्ता आफताब विर्क ने लाहौर उच्च न्यायालय में दायर की है जिसमें कहा गया है कि शरीफ का बयान राष्ट्रीय सुरक्षा और सरकारी संस्थाओं के विरूद्ध है।

याचिका में कहा गया है, ‘नवाज शरीफ का बयान देशद्रोह के समान है। उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिका में शरीफ के अलावा संघीय गृहमंत्री एहसान इकबाल को भी एक पक्ष के रूप में शामिल किया गया है।

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दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 12 मई को पाकिस्तान के अखबार द डॉन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, कि 26/11 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानियों का ही हाथ था। इंटरव्यू में नवाज शरीफ ने बताया था, कि देश में आतंकी संगठन सक्रीय है। ऐसे में क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने की इजाजत दे देनी चाहिए। रावलपिंडी आतंकरोधी अदालत में मुंबई हमलों का ट्रायल लंबित होने का हवाला देते हुए नवाज ने कहा, हमने सुनवाई क्यों नहीं पूरी की?

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नवाज से जब यह पूछा गया कि उनकी नजर में वह कौन सा कारण है जिससे उनकी पीएम की कुर्सी गई तो उन्होंने कोई सीधा जवाब तो नहीं दिया लेकिन उन्होंने बातचीत को विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे की तरफ मोड़ दिया। नवाज शरीफ ने कहा, हमने अपने आपको अलग कर लिया है। कुर्बानियों के बावजूद हमारी बात कोई स्वीकार नहीं करता। जबकि अफगानिस्तान की कहानी को स्वीकार कर लिया गया, लेकिन हमारी नहीं। हमें इसपर ध्यान देना चाहिए।

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