भाजपा कार्यकर्ताओं का एक ही नारा कानों में गूंजता है ‘हर हर मोदी, घर घर मोदी’। किंतु इस नारे को वास्तविकता में लाने के लिए कितने हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं ये शायद ही जनता को पता होगा। लेकिन एक सूचना के मुताबिक अब यह बात सामने आई है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने गत 46 महीने में सभी प्रकार के विज्ञापनों पर 4343.26 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन विभाग ने आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है कि मोदी सरकार ने साल 2014 के बाद से हर साल कितने रुपए विज्ञापनों और अपने प्रचार-प्रसार में खर्च किए हैं।

इस मसले पर विपक्ष मोदी सरकार पर निशाने पर है। शायद यही कारण है कि इस वर्ष अन्य सालों की अपेक्षा विज्ञापनों के खर्च में 25 प्रतिशत की कमी आई है। विभाग के मुताबिक,  यह राशि प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के अलावा आउटडोर प्रचार पर खर्च की गयी। एजेंसी ने कहा कि सरकार ने अपने कार्यक्रमों के विभिन्न मीडिया मंचों पर विज्ञापन पर 4343.26  करोड़ रूपये खर्च किए। खबरों के मुताबिक, 1 जून 2014 से 31 मार्च 2015  इस दौरान 424.85 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 448.97 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 79.72 करोड़ रुपये बाह्य प्रचार पर खर्च किए गए हैं। इससे पहले यह खर्च कुछ ज्यादा रहा है। साल 2015-2016 आर्थिक वर्ष में 510.69 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 541.99 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 118.43 करोड़ रुपये बाह्य प्रचार पर खर्च किए गए हैं। वर्ष 2016-2017 आर्थिक वर्ष में 463.38 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 613.78 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 185.99 करोड़ रुपये बाह्य प्रचार पर खर्च किए गए।

इसी के बाद  विपक्ष और सोशल मीडिया पर विज्ञापनों पर पैसे की बर्बादी जैसी चर्चा और बड़े पैमाने पर आलोचना के बाद मोदी सरकार ने साल 2017-18 आर्थिक वर्ष के विज्ञापन खर्च में कटौती की है।

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