विश्व के सबसे बड़े आतंकी संगठन में से एक इस्लामिक स्टेट (IS) को इस बार जोरदार धक्का लगा है। रूस की सेना ने इस आतंकी संगठन के एक अड्ड़े पर दुनिया का सबसे खतरनाक गैर-परमाणु बम गिराया है। सूत्रों के मुताबिक रूस ने यह शक्तिशाली बम देर-इज़ जोर प्रांत में आईएस के कमांडर्स पर गिराया है।
दुनिया भर में आतंक का पर्याय और दहशत का दूसरा नाम आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट पर रूस की सेना ने द ऐविएशन थर्मोबरिक बॉम्ब ऑफ इन्क्रीज्ड पावर नामक बम को गिराया है। जिसे ‘फादर ऑफ ऑल बॉम्ब’ यानी सभी बमों का बाप भी कहा जाता है। इस बम को रूस ने ही विकसित किया था। बता दें एक रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने 7 सितंबर को यह बम गिराया था। ठीक इसी दिन रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाला था जिसमें कई इस्लामिक स्टेट आतंकियों को मार गिराने का दावा किया गया था।
रूसी मंत्रालय के फेजबुक पेज के पोस्ट में लिखा गया, रूसी वायुसेना के सटीक हवाई हमलों के परिणामस्वरूप देर-इज-जोर शहर में 40 से ज्यादा आईएस आतंकियों को मार गिराया है।
इस आत्मघाती हमले में अमेरिका में ट्रेंनिग लेने वाला गुलमुरोद खलिमोव नाम का आतंकी भी शामिल था, जिसने अमेरिका में ट्रेनिंग ली थी और उसे “मिनिस्टर ऑफ वॉर के नाम से भी जाना जाता था”।
आखिर कितना खतरनाक है फादर ऑफ बॉम्ब-
मदर ऑफ ऑल बम से चार गुना ताकतवर होता है फादर ऑफ ऑल बॉम्ब । ये बम फिलहाल रूस के पास है। ये एक थर्मोफेब्रिक बम है जो फटने के बाद हवा में मौजूद ऑक्सीजन के साथ क्रिया करता है और अपनी ताकत को कई गुना बढ़ा लेता है। जब इस बम को गिराया जाता है तो ये हवा में ही फट जाता है और हवा और ईंधन के मिलने से इसकी प्रतिक्रिया और भी भयानक हो जाती है। इस बम से इतनी ऊर्जा और ताप निकलती है कि यह अपने निशाने को भाप में बदल देता है। बम के झटके कई किलोमीटर तक महसूस किए जा सकते हैं। इस बम का परीक्षण साल 2007 में किया गया था और इसकी तुलना परमाणु बम से की जाती है।
कुछ रोचक तथ्य –
इस बम का पहली बार परीक्षण 11 सितंबर, 2007 में किया गया था। साइज में ये बम एमओएबी (मदर ऑफ बॉम्ब) से छोटा है, लेकिन विनाश करने की इसकी क्षमता एमओएबी से दोगुनी है। इसे सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम माना जाता है। इससे होने वाली तबाही लगभग परमाणु बम जैसी ही होती है, लेकिन इससे रेडिएशन का खतरा नहीं होता।