जब कभी आप अपनी गाड़ी घर से निकाल रहे होते हैं तो अक्सर आप ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के जरूरी कागजात घर भूल जाते हैं और ऐसे में पुलिस आपका चालान काट लेती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने अपने साथ लाइसेंस की हार्ड कॉपी रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यदि आपके पास गाड़ी के सभी कागजात और लाइसेंस की सॉफ्ट कॉपी डिजिलॉकर में मौजूद है तो ऐसी समस्या से आप निजात पा सकते हैं और आपका चालान भी नहीं कटेगा।

बता दें डिजिटल लॉकर यानी डिजिलॉकर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया का एक अहम हिस्सा है। डिजिटल लॉकर का उद्देश्य भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करना और एजेंसियों के बीच में ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इसमें अकाउंट बनाकर आप जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं। डिजिटल लॉकर में ई-साइन की सुविधा भी है जिसका उपयोग डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने के लिए किया जा सकता है। पिछले महीने आए आंकड़ों के मुताबिक, पीएम मोदी की सरकार द्वारा लगभग सालभर पहले शुरू की गई डिजिलॉकर (DigiLocker) फैसेलिटी में 78 लाख से अधिक लोग रजिस्टर कर चुके हैं। आपको भी इसका लाभ लेना चाहिए।

डिजिटल लॉकर के लिए आधार अनिवार्य –

इंटरनेट के इस युग में डिजिटल लॉकर बनाने की कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है।  जिसके लिए आपको https://digitallocker.gov.in पर अपना अकाउंट बनाना होगा। इसके लिए आपको अपने आधार कार्ड नंबर की जरूरत होगी। आधार कार्ड इसलिए जरूरी है ताकि फर्जीवाडे से बचा जा सके।

ऐसे करें साइन अप –

साइट पर साइनअप करने के लिए आधार नंबर मांगा जाएगा और दो विकल्प यूजर वैरिफिकेशन के लिए उपलब्ध होगें। पहला ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड जिसपर क्लिक करते ही आपको आधार कार्ड में दिए गए मोबाइल नंबर पर ये पासवर्ड आ जाएगा। यदि आप दूसरा विकल्प यानी अंगूठे का निशान चुनते हैं तो एक पेज खुलेगा जहां आपको उंगलियों के निशान पर अपने अंगूठे का निशान लगाना होगा। अगर निशान वैध है तभी यूजर का वैरिफिकेशन हो पाएगा और इसके बाद आप अपना यूजर नेम और पासवर्ड क्रिएट कर पाएंगे।

इस डिजिलॉकर में आप अपने सारे दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। इस लॉकर में pdf, jpg, jpeg, png, bmp और gif फॉरमेट की फाइलें सेव की जा सकती हैं। अपलोड की जाने वाली फाइल का साइज 1 एमबी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। फिलहाल प्रत्येक यूजर को 10 एमबी का स्पेस मिलेगा जिसे बाद में बढ़ाकर 1 जीबी किया जाना प्रस्तावित है। इससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी।

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