अक्सर जब हम मुसीबत में होते हैं और उसका कोई समाधान नहीं मिलता तब हम उसे ‘भगवान भरोसे‘ छोड़ देते हैं। हमें विश्वास रहता है कि भगवान हमारी नैय्या को जरूर पार लगा देगा। पाकिस्तान में ऐसे ही 3 पिता हैं जिनके संतानों की संख्या का शतक पूरा होने वाला है और उन्होंने उनकी जिम्मेदारी भगवान भरोसे छोड़ दी है। उनका कहना है अगर खुदा हमें कुछ देता है तो उसको चलाने की भी जिम्मेदारी खुदा की है और हमें उस पर पूरा भरोसा है।
दरअसल पाकिस्तान में 19 सालों के बाद जनगणना हो रही है। इस जनगणना में ऐसे तीन पिताओं का पता चला है जिनके कुल मिलाकर 96 बच्चें हैं। ऐसे ही एक पिता गुलजार खान हैं जो उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली इलाके बन्नू में रहते हैं। वे लगभग 60 साल के हैं और उनकी 3 पत्नियां और कुल 36 बच्चे हैं।
गुलज़ार ख़ान कहते हैं कि ‘अल्लाह ने पूरी दुनिया और इंसानों को बनाया है, इसलिए मैं बच्चा पैदा करने की प्राकृतिक प्रक्रिया को क्यों रोकूं?’ परिवार नियोजन के बारे में पूछने पर गुलजार कहते हैं कि इस्लाम फैमिली प्लानिंग के खिलाफ है, इसीलिए वो भी फैमिली प्लानिंग नहीं करते। गुलज़ार को इस बात की ख़ुशी है कि उनके बच्चों को क्रिकेट खेलने के लिए दोस्तों को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ती। बताते चलें कि गुलजार की तीसरी पत्नी वर्तमान में गर्भवती हैं, यानि जल्द ही उनके बच्चों की संख्या बढ़कर 37 हो जाएगी।
गुलजार की तरह ही उनके भाई मस्तान खान वजीर की कहानी है। मस्तान 70 साल के उम्र के हैं और उनके भी 3 पत्नियों से कुल 22 बच्चे हैं। मस्तान कहते हैं कि उनके पोते पोतियां इतने ज्यादा हैं कि उन्हें उनकी सही गिनती ही नहीं मालूम। उनके मुताबिक, ‘अल्लाह पर भरोसा रखें, वह अपने बंदों के रहने खाने का इंतजाम करता है।’
वहीं, बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में रहने वाले जान मोहम्मद के तीन पत्नियों से 38 बच्चे हैं। जान का लक्ष्य 100 बच्चे पैदा करना है, इस कारण वह चौथा विवाह भी करना चाहते हैं। हालांकि अभी तक कोई भी महिला उनसे शादी नहीं करना चाहती, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी है। उन्होंने कहा, ‘जितने ज्यादा मुस्लिम होंगे, उनके दुश्मन उनसे उतना ही डरेंगे, इसलिए मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए।’
साल 1998 के बाद पाकिस्तान में अब हुई जनगणना में काफी अंतर पाए गए हैं । 1998 में पाकिस्तान की जनसंख्या 13.5 करोड़ थी, जो इस साल 20 करोड़ हो गई है। विश्व बैंक के अनुसार पाकिस्तान दक्षिण एशिया में सबसे अधिक जन्म दर वाला देश है, जहां हर महिला करीब 3 बच्चों को जन्म देती है। बेतहाशा जनसंख्या बढ़ोत्तरी के चलते पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब है। यहां जिस गति से जनसंख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, उस अनुपात में रोजगार के अवसर ना के बराबर है।