पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अब अगर कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करना चाहता है तो उसे सबसे पहले अपने धर्म की जानकारी स्पष्ट करनी होगी। पाकिस्तान अदालत का यह फैसला मुस्लिम बहुल देश के कट्टरपंथी तबके के लिए बड़ी कामयाबी जैसा है। बता दे, शुक्रवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जज शौकत अजीज सिद्दीकी ने शपथ से जुड़े एक मामले खत्म-ए-नबुव्वत की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
जस्टिस सिद्दीकी ने अपने आदेश में कहा, ‘सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन करने वाले नागरिकों के लिए धर्म स्पष्ट करना अनिवार्य है जिससे संविधान के मुताबिक मुस्लिम और गैर-मुस्लिम की परिभाषा तय की जा सके।‘ जज ने कहा कि यह सभी पाकिस्तानियों के लिए अनिवार्य है कि वे सिविल सर्विस, आर्म्ड फोर्सेज या न्यायपालिका के लिए शपथ से पहले अपने धर्म का खुलासा करें।
जज शौकत अजीज ने कहा, कि अपनी धार्मिक पहचान छिपाने वाले नागरिक सरकार को धोखा देने के दोषी हैं। बता दें कि बीते साल पाकिस्तान सरकार ने देश में शपथ के नियमों में बदलाव कर दिया था, जिस पर कट्टरपंथी मुस्लिम भड़क गए थे और कई संगठनों ने आंदोलन छेड़ दिया था।