Lassa Virus: लासा वायरस के बुखार से ब्रिटेन में पहली मौत दर्ज की गई है। एक तरफ तक जहां कोरोना वायरस का दुनिया में कहर जारी है इस बीच नए वायरस के आगमन ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि अब ब्रिटेन में लासा नाम के एक वायरस का मामला सामने आ रहा है, जिससे ब्रिटेन(UK) में तीन लोग Lassa सें संक्रमित पाए गए हैं। अभी उनका इलाज चल ही रहा था कि इस बीच एक व्यक्ति की लासा वायरस से मौत हो गई है। राहत की बात यह है कि यह वायरस ज्यादा नहीं फैला है। लेकिन ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक ऐसा वायरस है जिससे लासा बीमारी होती है और लासा का कोई इलाज नहीं है
Lassa Virus के लक्षण क्या हैं?
बता दें कि Lassa Virus का कोई शुरूआती लक्षण नहीं है। हल्के लक्षणों में बुखार, थकान, कमजोरी, सिर में दर्द आदि कह सकते हैं। बाद में मरीज में बुखार भी देखा जाता है। लेकिन कुछ मरीज जब बहुत अधिक बीमार हो जाते हैं तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और अस्पताल पहुंचने वाले 15 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है। वायरस का असर 1 से 3 सप्ताह बाद आता है। इसलिए लक्षण दिखने के दो सप्ताह बाद ही यदि मुश्किलें बढ़ती हैं तो मौत की आशंका भी बढ़ जाती है। हालांकि इस बीमारी से मौत की दर कम है।
कैसे फैलता है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक बीमारी है जो चूहों से इंसानों तक पहुंचती है। चूहों के मल- मूत्र या उनके द्वारा खाए गए भोजन को खाने से इस बीमारी का संक्रमण हो सकता है। लासा वायरस के संक्रमण में सबसे पहले बुखार होता है। बता दें लासा वायरस सियरा लियोन, नाइजीरिया, गिनी और लाइबेरिया में महामारी के रूप में घोषित है। हालांकि यह संक्रमित मरीज को छूने से नहीं फैलता। मरीज से गले लगने, हाथ मिलाने या मरीज के पास बैठने से इस बीमारी का संक्रमण नहीं हो सकता। डॉक्टरों का मानना है कि लासा वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रेग्नेंट महिलाओं पर देखा गया है। प्रेग्नेंसी के तीसरी महीने में लासा वायरस का संक्रमण ऐसी महिलाओं में ज्यादा देखा गया है।
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