सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीय अपने पारिवारिक सदस्यों को वापस भारत भेजने की तैयारी में हैं। दरअसल आने वाले 1 जुलाई सिर्फ भारत को ही बदलते टैक्स के कारण प्रभावित नहीं करने जा रहा है बल्कि  सऊदी अरब में भी  काम करने वाले 41 लाख  लोगों  को  प्रभावित करने जा रहा है। सऊदी अरब में रहने वाले लोगों पर 1 जुलाई से नया टैक्स लागू होने जा रहा है जिसके  बाद वहां काम करने वाले लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक मार पड़ने जा रही है।  इस नए टैक्स की वजह से वहां काम करने वाले लोगों को अपने एक आश्रित के लिए 100 रियाल यानी करीब 1700 रुपए हर महीने देने होंगे।

इन मुश्किलों से बचने के लिए ये लोग अपने आश्रितों (अपने साथ रह रहे माता-पिता, पति-पत्नी और बच्चे) को भारत वापस भेजना चाहते हैं। एक अंग्रेजी अखबार  की रिपोर्ट के मुताबिक कंप्यूटर प्रोफेशनल मोहम्मद ताहिर ने बताया है कि कई परिवारों ने भारत लौटने का प्लान बनाया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि वह अपने परिवार के आश्रितों का खर्चा नहीं उठा पाएंगे क्योंकि वहां रहने वाले भारतीयों के लिए लगभग 1700 रुपए प्रति महीने प्रत्येक निर्भर परिवार के सदस्य के लिए देना मुश्किल होगा।

आपको बता दें कि अगर कोई भारतीय वहां रह भी जाता है और उसके साथ उसकी पत्नी और 2 बच्चे भी रह रहे हैं तो उसे हर महीने 300 रियाल यानी करीब 5100 रुपए टैक्स के तौर पर देने होंगे।इतना ही नहीं सऊदी अरब में लागू होने वाला यह टैक्स हर साल बढ़ता जाएगा। यह टैक्स 2020 तक हर साल 100-100 रियाल बढ़ाया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि वहां रहने वाले एक डिपेंडेंट के लिए 2020 में 400 रियाल यानी 6800 रुपए टैक्स के तौर पर चुकाने होंगे। इसके साथ ही बताया गया है कि इस टैक्स की रकम को एडवांस में ही चुकाना होगा। यानी कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता है तो उसे 1200 रियाल यानी 20,400 रुपए एंडवास में ही चुकाने होंगे।

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