सऊदी अरब में शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने मंगलवार को एक शाही फरमान जारी करते हुए महिलाओं को देश में वाहन चलाने की इजाजत दे दी है। यहां औरतें ड्राइविंग का अधिकार पाने के लिए काफी लंबे समय से लड़ाई लड़ रहीं थी और आखिरकार उन्हें जीत मिल ही गई।

बता दें कि सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसकी खबर दी। इसमें बताया गया कि किंग सलमान ने पुरुषों और महिलाओं दोनों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का आदेश दिया है। इस आदेश को 24 जून 2018 से लागू किया जाएगा।

काफी लंबा रहा है संघर्ष

गौरतलब है कि सऊदी अरब में औरतों का ड्राइविंग करना पूरी तरह बैन था, जिसे यहां की सरकार ने 1990 में क़ानूनी रूप दिया था। यहीं से इसका विरोध शुरू हुआ। इसके खिलाफ फतवा जारी किया गया था कि अगर औरतों को इसकी इजाजत दे दी जाती है तो अशुभ और नकारात्मक परिणामों को आमंत्रण देने वाला हो सकता है। इस फतवे में यह भी बात कही गई थी कि इससे महिलाओं की नजदीकी पुरुषों के साथ बढ़ेगी। वे विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षित होंगी।

इसके बाद इसका विरोध होने लगा। इसका विरोध करने वाली महिलाओं को गिरफ्तार किया जाने लगा और उनके पासपोर्ट तक जब्त किए जाने लगे। इसके बावजूद महिलाएं इस कानून के खिलाफ आवाज उठाती रहीं हैं। महिलाओं ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर इसकी लड़ाई लड़ी।

26 अक्टूबर 2013 को एक अभियान शुरू किया गया, जिसका समर्थन 11 हजार महिलाओं ने किया। धीरे-धीरे इस अभियान को पुरुषों का भी साथ मिलने लगा। सउदी अरब सामाजिक कार्यकर्ता लुजैन अल हथलौल को एक दिसम्बर,  2014 को कार चलाने के आरोप में सउदी अरब की पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। इसके विरोध में पेशे से पत्रकार मायसा अल अमौदी भी हथलौल के समर्थन में गाड़ी चलाते हुए सीमा पर जा पहुंचीं और पुलिस ने उन्हें भी गिरफ़्तार कर लिया। दोनों को जेल में बंद कर दिया गया।

उस दौरान कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि इन महिलाओं पर रियाद की उस अदालत में मुकदमा चलाया जाए जो आतंकवादी मामलों को देखती है। उसके बाद अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत पूरी दुनिया के मानवाधिकार संगठनों ने सउदी अरब की तीखी आलोचना की।

इस तरह यह लड़ाई बढ़ती चली गई और महिलाओं के बढ़ते विरोध ने सरकार को इस पर सोचने को मजबूर कर दिया और अंततः उन्हें ड्राइविंग की इजाजत दी गई है। मंगलवार को जारी आदेश के मुताबिक ट्रैफिक नियमों के कई प्रावधानों को लागू किया जाएगा जिसमें महिलाओं और पुरुषों के लिए एक जैसे ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना भी शामिल है।

फिलहाल इसे लागू होने में थोड़ा वक्त लगेगा क्योंकि किंग ने अपने आदेश में इसे सही तरीके से लागू करने के लिए एक कमेटी बनाने के लिए कहा है। यह कमेटी एक महीने में अपने सुझाव देगी और उसके बाद अगले साल जून तक इसे लागू किया जएगा। वैसे किंग ने महिलाओं को लाइसेंस जारी करने की अनुमति तो दी है लेकिन इसमें शरिया कानून का ध्यान रखने की बात भी कही गई है।

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