उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के आक्रमक तेवर को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी सोचने पर मजबूर हो गए हैं। ट्रंप के राष्टपति बनने के बाद नौ बार अपनी परमाणु ताकतों का लोहा मनवाने वाला उत्तर कोरिया अमेरिका को पहले ही चेतावनी दे चुका है कि वो उसे सीरिया समझने की भूल ना करे,  वरना उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अमेरिका समेत विश्व समुदाय की चेतावनी और प्रतिबंधों को नजरअंदाज करने वाले उत्तर कोरिया ने आखिरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झुकने के लिए मजबूर कर ही दिया। ट्रंप ने कुछ शर्तों के साथ उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति से मिलने की इच्छा जताई है।

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को सबक सिखाने के लिए बैचेन दिखने वाले डोनाल्ड ट्रंप अब उनसे चर्चा करना चाहते हैं। इसी का नतीजा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने किम जोंग की तारीफ करते हुए उनसे मिलने की ख्वाहिश जताई है। गौरतलब है कि अमेरिकी नौ सेना ने कोरियाई प्रायद्वीप में दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसके बाद उत्तर कोरिया ने अमेरिका को आड़े हाथ लेते हुए सीधी धमकी भी दे डाली थी।

अमेरिकी न्यूज चैनल सीबीएस को दिए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम न सिर्फ हैंडसम हैं, बल्कि कठिन परिस्थितियों से निपटने में माहिर भी हैं। किम को सनकी बताए जाने के सवाल पर ट्रंप ने कहा, “मुझे यह नहीं पता कि किम मानसिक रूप से स्वस्थ हैं या नहीं, लेकिन वह बेहद चालाक हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि किम ने अपने पिता की मौत के बाद बेहद कम उम्र में विपरीत परिस्थितियों में सत्ता संभाली। इतना ही नहीं, वह उत्तर कोरिया को परमाणु सक्षम देश बनाने में भी सफल रहे। ट्रंप ने कहा कि वह उत्तर कोरिया के साथ तनाव कम करने के लिए किम से मिलने के इच्छुक हैं। हालांकि उनको अब सही वक्त का इंतजार है। उन्होंने कहा कि किम से मिलना उनके लिए गर्व की बात होगी। हालांकि उत्तर कोरिया की ओर से इस बाबत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

अगर अमेरिकी और उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति की मुलाकात होती है तो यह पहला मौका होगा जब इन दोनों देशों के बीच के राष्ट्रपति मुलाकात करेंगे। इससे पहले कभी किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया के तानाशाह से मिलने की इच्छा जाहिर नहीं की थी। वहीं  किम जोंग लंबे समय से विवादों में रहे हैं। दुनियाभर में उनकी छवि एक तानाशाह के रूप में उभर गई है। वहीं अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमता के चलते अमेरिका समेत दुनिया भर को मात देते आए हैं। इस दौरान उनको अपने देश के अंदर भी साजिशों से निपटने पड़ा। उन्होंने सत्ता के लिए अपने रिश्तेदारों तक को मौत के घाट उतार दिया था। ऐसे में ट्रंप का किम से मिलना अमेरिका की कोई नई रणनीति भी साबित हो सकती है।

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