भूटान बॉर्डर पर डोकलाम में निर्माण कार्य किए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि चीन ने अब तिब्बत में अपनी ताकत दिखानी शुरु कर दी है। चीन ने अपने फाइटर जेट्स और नेवी वॉरशिप को तिब्बत सीमा पर लाकर तैनात कर दिया है। इससे साफ तौर पर उसकी भारत को उकसाने वाली कार्रवाई का संकेत मिलता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तिब्बत के ल्हासा-गोंगका में चीन ने 8 फाइटर जेट्स तैनात किए हैं। इसमें 22 एमआई-17 हेलिकॉप्टर्स, एक केजी 500 एयरबॉर्न और जमीन से हवा में अटैक करने वाली मिसाइल भी तैनात की है। इसके अलावा 11 एमआई-17 अनमैन्ड एरियल वीकल्स की तैनाती की है। इस रिपोर्ट की मानें तो काशी प्रांत में भी चीन ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए 12 चीनी फायटर एयरक्राफ्ट, जिसमें 8 JH-7 और 4 J-11 जंगी विमान शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में चीन ने हवा से जमीन पर अटैक करने वाली मिसाइल को तैनात किया है।

डोकलाम की तरह की तिब्बत का ल्हासा-गोंगका प्रांत नये गतिरोध और विवाद का मैदान बन सकता है। यह क्षेत्र सिक्किम के बिल्कुल ही सामने है, जहां चीन अपने एयरक्राफ्ट और मिसाइलों की तैनाती की है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि ‘चीन की ओर से तैनात एयरक्राफ्ट्स की तैनाती की संख्या सर्दी के दिनों में इतनी ही बनी रह सकती है, लेकिन दोनों सैनाओं के बीच मुठभेड़ बढ़ सकती है।

डोकलाम विवाद के बाद सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश सीमा पर भारत और चीन की सेनाएं कई बार आमने सामने हो चुकी है। हाल ही में अरुणाचल प्रदेश राज्य सीमा पर चीन मिलिट्री द्वारा सड़क और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन निर्माण करते हुए देखा गया था, जिसके बाद इंडियन आर्मी की आपत्ति के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को वापिस हटना पड़ा था।

आपको बता दें कि पिछले साल दोनों देशों की सेनाएं 73 दिनों तक डोकलाम क्षेत्र में आमने-सामने खड़ी थी, जो भारत-चीन के इतिहास में अब तक का सबसे लंबा गतिरोध साबित हुआ था।

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