कोर्ट में संजीव जीवा की हत्या, जानें कौन था ये गैंगस्टर जिसने एक समय में अपने मालिक का ही कर लिया था अपहरण?

ऐसे हुआ था जीवा का मुख्तार अंसारी से संपर्क

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Lucknow Court: लखनऊ की अदालत में मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव महेश्वरी जीवा की हत्या
Lucknow Court: लखनऊ की अदालत में मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव महेश्वरी जीवा की हत्या

Sanjeev Jeeva Murder:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट के भीतर गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर वकील की ड्रेस में था। गौरतलब है कि संजीव महेश्वरी मुख्तार अंसारी का करीबी था। वह ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्यकांड का आरोपी था। पेशी के लिए संजीव को कोर्ट में लाया गया था।

मिली जानकारी के मुताबिक घटना में चार पांच लोग घायल हुए हैं। आपको बता दें कि संजीव महेश्वरी जीवा पश्चिम यूपी का कुख्यात गैंगस्टर था।फिलहाल पुलिस ने एक हमलावर को हिरासत में ले लिया है। संजीव के बारे में कहा जाता है कि जब एक दवाखाने में वह कंपाउडर का काम करता था तब उसने अपने मालिक यानी दवाखाने के संचालक को ही अगवा कर लिया था।

Sanjeev Jeeva Murder:लखनऊ कोर्ट परिसर में संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या

Sanjeev Jeeva Murder:90 के दशक से शुरू हुआ संजीव जीवा का आपराधिक इतिहास

लखनऊ अदालत परिसर में बुधवार को कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद से कोर्ट परिसर में हलचल मच गई। पुलिस मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, संजीव माहेश्वरी पश्चिमी यूपी का एक कुख्यात अफराधी था। वह मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। अगर इसके आपराधिक इतिहास की बात करें तो आपको बता दें कि 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उसके बाद उसने अपना खौफ पैदा करना शुरू कर दिया था।
बताया जाता है कि शुरुआत के दिनों में जीवा एक मेडिकल दुकान में कंपाउडर का काम करता था। हैरान करने वाली बात यह है कि जिस मालिक के दवाखाने में संजीव जीवा काम करता था एक दिन उसी मालिक का अपहरण कर लिया।
उसके बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपरण कर लिया और फिरौती के रूप में 2 करोड़ रुपये की मांग की थी।
इन वारदातों को अंजाम देने के बाद संजीव सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़त हमेशा दिखती रहती थी। 10 फरवरी 1997 में बीजेपी के बड़े नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या हो गई थी जिसमें संजीव जीवा का नाम सामने आया था। इस हत्याकांड में जीवा को उम्रकैद की सजा हुई थी।

ऐसे हुआ था जीवा का मुख्तार अंसारी से संपर्क
बताया जाता है कि ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद संजीव जीवा मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया था। इस गैंग में शामिल होने के कुछ दिनों बाद वह मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया।
कहा जाता है कि मुख्तार अंसारी को अत्याधुनिक हथियारों का बहुत शौक था और इसकी पूर्ति जीवा करता था। जीवा के पास ऐसे हथियारों को जुटाने का तगड़ा नेटवर्क था।
मुख्तार अंसारी के लिए हथियारों के साथ अन्य मामलों में मदद करते-करते संजीव जीवा अंसारी का काफी नजदीकी बन गया था।
उसके बाद कृष्णानंद राय हत्याकांड में संजीव जीवा का नाम आया।
वैसे कुछ सालों बाद वर्ष 2005 में कोर्ट ने कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और संजीव जीवा, दोनों पर बरी कर दिया था।

संजीव पर दर्ज थे 22 से अधिक मुकदमें
पुलिस रिपोर्ट की मानें तो संजीव जीवा पर 22 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें से 17 में वो बरी हो चुका था। वहीं, गैंग की बात करें तो उसकी गैंग में 30 से अधिक सदस्यों के होने की बात कही जाती है।
बता दें कि साल 2017 में जीवा पर कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी के हत्या का भी आरोप लगा था। इस मामले में कोर्ट ने जीवा के साथ अन्य चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जीवा फिलहाल लखनऊ जेल में बंद था।
आज यानी बुधवार को उसे एक मामले में पेशी के लिए कोर्ट में लाया गया था जहां उसे गोली मारकर हत्या कर दी गई। आपको बता दें कि जीवा की पत्नी पायल ने सीजेआई को साल 2021 में चिट्ठी लिखकर जीवा के जान को खतरा बताया था।

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