बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर TMC प्रवक्ता ने मोदी सरकार पर लगाया झूठ बोलने का आरोप, कहा-CBI एफआईआर में…

आखिर किस पत्र की हो रही है चर्चा?

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Balasore Train Accident
Balasore Train Accident

Balasore Train Accident:ओडिशा के बालासोर में 2 जून शाम में भीषण ट्रेन हादसा हो गया था। इसमें 288 लोगों की मौत की खबर सामने आई वहीं, 1000 से अधिक लोग जख्मी हुए। घटना के अगले दिन यानी शनिवार को पीएम मोदी खुद दुर्घटनास्थल का जायजा लेने बालासोर पहुंचे थे। उन्होंने तब मीडिया से बात करते हुए कहा था कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, ट्रेन हादसे के इस मामले को रेलवे बोर्ड ने सीबीआई के हाथों में सौंप दिया है। सीबीआई एफआईआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है।
इस बीच टीएमसी के नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने सीबीआई की प्राथमिकी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कई सवाल किए हैं,जो अब चर्चा के विषय बन गए हैं। साकेत गोखले ने ये सारे सवाल ट्वीट कर पूछे हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है,”ओडिशा ट्रेन हादसे में सीबीआई की प्राथमिकी ने मोदी सरकार के झूठ का पर्दाफाश किया है।”

Balasore Train Accident: टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

Balasore Train Accident:मोदी सरकार और अश्विनी वैष्णव झूठ बोल रहे हैं।- टीएमसी प्रवक्ता

साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में कहा,”ओडिशा ट्रेन हादसे में सीबीआई की प्राथमिकी ने मोदी सरकार के झूठ का पर्दाफाश किया है। कल, सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज की और ओडिशा ट्रेन दुर्घटना की जांच अपने हाथ में ले ली। चौंकाने वाली बात यह है कि एफआईआर से पता चलता है कि मोदी सरकार और अश्विनी वैष्णव साजिश के बारे में झूठ बोल रहे हैं।”

उन्होंने कहा,”प्राथमिकी में सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोप आईपीसी की धारा 337, 338, 304 ए और रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 हैं। जैसा कि आप एफआईआर कॉपी से देख सकते हैं, सभी धाराएं लापरवाही से संबंधित हैं और तोड़फोड़ या साजिश से संबंधित एक भी धारा लागू नहीं की गई है।” साकेत ने अपने इस ट्वीट के साथ एफआईआर की कॉपी भी शेयर की है।
उन्होंने आगे लिखा,”इसके अलावा एफआईआर में कहा गया है कि ‘वर्तमान में, विशिष्ट रेलवे कर्मचारियों की दोषीता का पता नहीं लगाया गया है।’यह रेल मंत्री द्वारा बताए गए झूठ की पोल खोल देता है। अश्विनी वैष्णव ने 4 जून को कहा था कि ‘हमने हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली है।’

साकेत गोखले ने बालासोर रेलवे पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के द्वारा सीबीआई को दिए गए बयान को लेकर भी अपनी बात कही है। उन्होंने ट्वीट में आगे कहा,”बालासोर रेलवे पुलिस के सब-इंस्पेक्टर ने सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा है कि ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना रेलवे की लापरवाही के कारण हुई जिससे मानव जीवन का भारी नुकसान हुआ।’ दूसरा ओडिशा पुलिस भी रेलवे की लापरवाही का दावा करती है और तोड़-फोड़ का नहीं।”

टीएम नेता साकेत ने कहा,”इसलिए यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मोदी सरकार द्वारा दावा किए गए तोड़फोड़ का कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है। वो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 4 जून को झूठ बोले जब उन्होंने दावा किया कि ‘दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है।’ साकेत ने कहा कि सीबीआई की प्राथमिकी इसका खुलासा करती है।

रेल मंत्री को देना चाहिए इस्तीफा- साकेत गोखले
साकेत गोखले ने कहा कि जब तोड़फोड़ का कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है तो सीबीआई जांच का आदेश क्यों दिया गया है? उन्होंने पूछा,”इंटरलॉकिंग फेल होने के कारण संभावित दुर्घटना की चेतावनी देने वाले दक्षिण पश्चिम रेलवे के फरवरी 2023 के पत्र को नजरअंदाज क्यों किया गया?” टीएमसी प्रवक्ता ने भी रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा,”रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सच्चाई को दफन कर रहे हैं। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।”

आखिर किस पत्र की हो रही है चर्चा?
बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर देश में चर्चा अपने चरम पर है। इस बीच एक पत्र का भी जिक्र हो रहा है जिसको लेकर कहा जा रहा है कि जिस पत्र को तीन महीने पहले लिखा गया था अगर उस पर अमल किया गया होता हो इतना बड़ा हादसा बालासोर में नहीं होता। प्राप्त जानकारी के अनुसार, रेलवे के एक वरिष्ठ अफसर ने तीन महीने पहले ही बोर्ड को पत्र लिखकर किसी हादसे की आशंका जताते हुए तत्काल सुधार करने की बात कही थी लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया। जानकारी मिली है कि अब खुद रेल मंत्री ने उस अफसर से बात कर पूरी बात को समझा है।
दरअसल, जिस अफसर की बात हो रही है उनका नाम हरिशंकर वर्मा है। वे करीब तीन साल तक दक्षिण पश्चिम रेलवे में तैनात रहे हैं। बताया गया कि वर्मा वहां प्रिंसिपल चीफ ऑफ ऑपरेशनल मैनेजर बने तो उनके सामने ट्रेन के गलत लाइन पर जाने के कुछ मामले आए थे।


पहले तो स्टेशन मास्टर को चार्जशीट जारी हुई। बाद में वह खुद ही स्टेशनों की नान इंटरलॉकिंग की जांच के लिए पहुंच गए। वहीं, 8 फरवरी को बेंगलुरु-नई दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस मेन लाइन का सिग्नल देने पर भी गलत ट्रैक पर लोको पायलट की सतर्कता से जाते-जाते बची। हरिशंकर वर्मा ने इंटरलॉकिंग के लिए बनाए गए सिस्टम को बाईपास करके लोकेशन बॉक्स में हुई छेड़खानी का मामला पकड़ा और रेलवे बोर्ड को इस पर तत्काल रोक लगाने के लिए पत्र लिखा। अब इसी पत्र को लेकर कहा जा रहा है कि वर्मा के पत्र के बाद भी बोर्ड ने अलर्ट जारी नहीं किया और बालासोर वाली बड़ी घटना हो गई।

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