Lathmar Holi: मथुरा में दिखा लट्ठमार होली का रंग, ऐसी है परंपरा, देखें तस्वीरें

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Lathmar Holi
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Lathmar Holi: मथुरा में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन लट्ठमार होली खेली जाती है। इस दिन नंदगांव के लड़के या आदमी यानी ग्वाला बरसाना जाकर होली खेलते हैं। वहीं, अगले दिन यानी दशमी पर बरसाने की ग्वाले नंदगांव में होली खेलने पहुंचते हैं। ये होली बड़े ही प्यार के साथ बिना किसी को नुकसान पहुंचाए खेली जाती है। इसे देखने के लिए हज़ारों भक्त बरसाना और वृंदावन पहुंचते हैं। हर साल इस मज़ेदार होली को खेला जाता है।

Lathmar Holi
Lathmar Holi

कृष्ण की नगरी मथुरा में आज लट्ठमार होली खेली जा रही है। आज के दिन नंदगांव के लड़के या आदमी यानी ग्वाला बरसाना जाकर होली खेलते हैं। वहीं, अगले दिन यानी दशमी पर बरसाने की ग्वाले नंदगांव में होली खेलने पहुंचते हैं।

Lathmar Holi
Lathmar Holi

नंदगाव के ग्वाला जब बरसाना महिलाओं के साथ होली खेलने के लिए जाते हैं तो वहां कि, महिलाएं रंग के साथ नहीं बल्कि लट्ठ के साथ होली खेलती हैं।

holi 1
Lathmar Holi

Lathmar Holi की धूम

सुनने मेें बड़ा अजीब सा लगता है कि, ये लट्ठमार होली कैसी होती है। या लट्ठ के साथ होली कौन खेलता है। लेकिन ये भारत है यहां पर त्योहारों का अलग ही रंग होता है। ग्वाले रंगों में सराबोर महिलाओं के साथ लट्ठमार होली खेलते हैं।

Holi in Mathura
Holi in Mathura

सजी-धजी महिलाएं लाठी लेकर पुरुषों पर वार करती हैं। अपने बचाव के लिए पुरुष समान साथ रखते हैं जिसे आप तस्वीरों में देख सकते हैं। सुहागिन महिलाएं शादी के जोड़े में 16 श्रृंगार कर के लट्ठमार होली खेलती हैं।

Colorfully Festival
Colorfully Festival

लट्ठमार होली के पीछे मान्यता यह है कि इस दिन भगवान कृष्‍ण राधा रानी को देखने के लिए बरसाने जाते हैं। इसके बाद कृष्ण और ग्वाले राधा और उनकी सखियों को छेड़खानी करने लगते हैं।

Holi Tradition
Holi Tradition

Lathmar Holi की परंपरा

इस पर श्रीराधा और उनकी सखियां हाथ में छड़ी लेकर कान्‍हा और उनके ग्वालों के पीछे भागती हैं। तब से ही लठमार होली की परंपरा चली आ रही है। इस होली को देखने के लिए देश विदेश लोग मथुरा जाते हैं।

Holi Pictures
Holi Pictures

आज भी बरसाने और नंदगांव में इसी परंपरा को निभाया जाता है। लोग मानते हैं कि होली के दिन कन्‍हैया और राधारानी भी बरसाने के इस रंग में रंग जाते हैं। इस तरह से विश्वप्रसिद्ध लट्ठमार होली की शुरुआत हुई।

Lathmar Holi
Lathmar Holi

बता दें कि, सोमवार को बरसाना स्थित राधारानी के महल से राधारानी की सखियां गुलाल लेकर कान्हा के गांव नन्दगांव जाती हैं और होली खेलने का निमंत्रण देती हैं।

Lathmar Holi
Lathmar Holi

यह गुलाल नन्दगांव के गोस्वामी समाज में वितरित किया जाएगा। तब नंदभवन में राधारानी की सखियों के साथ धूमधाम से फाग आमंत्रण महोत्सव शुरू हो जाता है।

Lathmar Holi
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