भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकारों पर गरीब एवं मेहनतकश वर्ग की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से हुयी मौतों के मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराये जाने की मांग की है। मायावती ने रविवार को जारी बयान में कहा कि अवैध तरीके से तैयार होने वाली शराब का धंधा खासकर उत्तर प्रदेश में एक गंभीर समस्या है जिसका शिकार गरीब और दिहाड़ी मजदूर होते है। सहारनपुर और कुशीनगर में शराब के कारण हुयी मौतें साफ इशारा करती है कि भाजपा सरकार इस समस्या से भी निपटने में बुरी तरह से विफल साबित हो रही है।

उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब के कारण सौ से अधिक लोगों की जान गयी है। इस मामले की सीबीआई जाँच जरूरी है। इसके साथ ही दोनों ही राज्यों के आबकारी मंत्रियों को उनके पद से तत्काल हटा कर यह विभाग मुख्यमंत्री को अपने पास लेने की जरूरत है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार इस जघन्य कांड को लेकर कुछ कर्मचारियों को निलम्बित कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहती है, जो सरासर गलत और असंवेदनशील है, इसकी जितनी भी निन्दा की जाये कम है। दोनों राज्यों की सरकारों को इतने गंभीर मामले में जितनी सख्त कार्रवाई और कदम उठाने चाहिये थे, वह दुर्भाग्यवश अब तक नहीं उठाये गये हैं जो निश्चय ही चिन्ता की बात है।

उन्होने कहा कि हर बार इस प्रकार की गंभीर अौर शर्मनाक घटनाओं के बाद सरकार सो जाती है और जनता की निगाह में जो असली अपराधी है वह साफ तौर पर बच जाते हैं। वास्तव में इन घटनाओं के पीछे रहने वाले असली जिम्मेदार सफेदपोशों को बेनकाब करके उन्हें कानून के कठघरे में खड़ा करने की जरूरत है।मायावती ने तंज कसा कि केन्द्र और राज्यों की भाजपा सरकारों के मुखिया को संकीर्ण एवं चुनावी राजनीति करने से फुर्सत ही कहाँ है कि वे अपनी जिम्मेदारी पर ध्यान देकर और जनहित एवं जनकल्याणी व्यवस्था पर ध्यान देकर करोड़ों लोगों के जीवन में खुशहाली ला सकें।

साभार, ईएनसी टाईम्स

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