Farmers Protest: देशभर के किसान दिल्ली की दहलीज पर तीनों कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं किसान तीनों कानूनों को काला कह रहे हैं और उन्हें रद्द करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली की दहलीज पर बैठे किसानों को एक साल होने वाला है। आंदोलन के पहले दिन से कहा जा रहा है कि यहां पर सबसे अधिक किसान Haryana और Punjab के हैं।
ऐसे में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैठे किसान हरियाणा के नहीं हैं।
खट्टर ने अपने बयान में कहा कि, कैप्टन अमरिंदर सिंह कौन हैं मेरा इस्तीफा मांगने वाले। उन्हें खुद इस्तीफा देना चाहिए। किसान आंदोलन के पीछे उन्हीं का हाथ है। सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों में हरियाणा के किसान नहीं है।
बता दें कि, मनोहर लाल खट्टर ने यह बयान पंजाब सीएम के लाठी वाले बयान पर दिया है। दरअसल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि , करनाल में आंदोलन करे किसानों पर खट्टर सरकार ने लाठियां बरसाईं हैं। वे पंजाब के किसान नहीं है हरियाणा के किसान हैं।
कैप्टन ने आगे कहा था कि, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठियां बरसाने के बाद खट्टर सरकार की पोल खुल गई है। यह किसान विरोधी सरकार है।
अमरिंदर के बयान के बाद मनोहर लाल खट्टर ने तो कह दिया कि, टिकरी- सिंघु पर हरियाणा के किसान हैं ही नहीं।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मनोहर लाल इस तरह का बयान दे रहे हैं। आंदोलन की शुरूआत में भी खट्टर ने दावा किया था कि कृषि कानून का हरियाणा के किसान विरोध नहीं कर रहे हैं। हालांकि बाद में मामला साफ हो गया था कि हरियाणा के किसान भी इस आंदोलन में शामिल हैं।
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