पंजाब कांग्रेस के सियासी तनातनी के बीच आज हरीश रावत ने राहुल गांधी के मुलकात की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए, हरीश रावत ने कहा कि राहुल गांधी के साथ मेरी बहुत छोटी मुलाकात हुई। मैंने उन्हें पंजाब में जो भी स्थिति है, उससे अवगत कराया है। मैं कांग्रेस अध्यक्ष को इसके बारे में पहले बता चुका हूं।
साथ हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस के आलाकमान की ओर से जो भी निर्णय लिया जाता है, वही अंतिम निर्णय होता है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत से जब पूछा गया कि क्या वह प्रभारी के रूप में अपने पद पर बने रहेंगे, इस पर उन्होंने कहा जब तक वे मुझसे कहेंगे, तब तक मैं पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद पर बना रहूंगा। मैं एक-दो दिन में पंजाब जाऊंगा। मैं सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू से जरूर मिलूंगा।

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उधर जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले दिल्‍ली गए तीन बागी मंत्री भी आलाकमान से मिलने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन उनको न तो राहुल गांधी और न ही सोनिया गांधी से मिलने का समय दिया जा रहा है। दूसरी ओर, बताया जाता है कि सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के करीबी बागी खेमे में नजर आए विधायकों से संपर्क कर अपने पाले में लाने की कोशिशों में जुटे हैं।


बता दें कि तीन दिन पहले पांच से सात नेता देहरादून पहुंचे और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मिले। बताया जाता ह‍ै कि वहां उन्‍होंने रावत को पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने के साथ ही सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह में विश्‍वास न होने की बात कही थी और उनको बदलने की मांग भी की थी । मुलाकात के बाद हरीश रावत ने असंतुष्‍ट नेताओं और नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे को झटका दे दिया और साफ कहा कि पंजाब में 2022 का विधानसभा चुनाव कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्‍व में ही लड़ा जाएगा।

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