एपीएन न्यूज से खास बातचीत में बोले गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खंवटे, “गलत काम किया तो घर का रास्ता भी जनता दिखा सकती है…”

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Rohan khaunte: Minister for Tourism, IT, E&C,Printing and Stationary
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Rohan Khaunte: गोवा के पर्यटन, आईटी सहित प्रिंटिंग और स्टेशनरी के मंत्री रोहन खंवटे ने एपीएन न्यूज से खास बातचीत में गोवा के भविष्य के साथ आगामी पर्यटन की नई उचाइयों के छूने के बार मे बताया। रोहन खंवटे गोवा की पहचान विश्व मानचित्र पर महज खूबसूरत समुद्री किनारों के रुप में ही केवल नहीं उकेरना चाहते हैं बल्कि इतिहास, परंपरा और धरोहर को भी लोगों के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। यहां प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के कुछ प्रमुख अंश…

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प्रश्न- अगले 20 साल में गोवा का पर्यटन कैसा रहेगा, इसे किस दिशा में और आगे ले जाने की आपकी पहल होगी?

उत्तर- गोवा का पर्यटन अब तक यहां के बेहतरीन समुद्र पर निर्भर था, लेकिन अब गोवा की यह छवि बदलने की सोच रखकर हम आगे बढ रहे है। पर्यटक गोवा मे तभी आएंगे जब हम उनके लिए नए और अलग तरह के प्रोग्राम की विशेष तैयारी करेंगे। हर साल कोई गोवा के समुद्र को देखने नहीं आएगा। गोवा अब आध्यात्मिक, Adventure Tourism, इको और Hinterland Tourism जैसे कई प्रोजेक्ट का गवाह बनेगा जो पर्यटकों के लिए एक बडा मौका रहेगा। उत्तर गोवा मे हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए मोपा हवाई अड्डे का शुभारंभ किया। यह प्रकल्प पर्यटन क्षेत्र में ढेर सारी संभावनाएं उपलब्ध करेगा। पर्यटन के साथ ही, होम स्टे की सुविधा भी हमने शुरू की है जिसके तहत पर्यटकों को गोवा के अंदरूनी इलाकों के पर्यटन का भी सुखद अनुभव प्राप्त होगा।

प्रश्न- अगले दस साल में गोवा के प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा और इसकी देखभाल के लिए क्या कदम उठाये जा रहे है ?

उत्तर- प्राकृतिक पर्यावरण गोवा को मिली ईश्वर की देन है। इस प्राकृतिक पर्यावरण को ठेस पहुंचाने वाला कोई भी नया पर्यटन प्रोजेक्ट नही आयेगा। नए प्रोजेक्ट लाने से पहले, प्राकृतिक पर्यावरण के उपर उसका क्या असर होगा इसका पूरा अध्ययन किया जाएगा। बिना अध्ययन किसी प्रोजेक्ट को मंजूरी नही मिलेगी जो यहां के प्राकृतिक पर्यावरण पर संकट बने। गोवा राज्य पर्यटन मंडल हमने गठित किया है, जो नए प्रोजेक्ट के प्रस्ताव पर एक साथ बैठकर विचार मंथन करने के बाद निर्णय लेता है। यह मंडल गठित करने वाला गोवा पहला राज्य है।

प्रश्न- स्वर्गीय मनोहरजी पर्रीकर के पश्चात आप गोवा के लोगों का प्रतिनिधित्व देश के दूसरे हिस्सों में कर रहे हैं, एक मंत्री के तौर पर गोवा का राजकीय भविष्य आपको कैसा लगता है?

उत्तर- मैं गोवा कई राजकीय उतार चढाव का प्रत्यक्षदर्शी रहा हूं, कई गतिविधियों में सहभागी भी रहा हूं। स्व. पर्रीकर जी की सरकार में मैंने राजस्व, रोजगार, छपाई और मुद्रित सामग्री मंत्री के रूप मे ढाई साल काम किया है। 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में मैं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जनता के जरिए चुना गया। लेकिन 2022 का चुनाव भाजपा के उम्मीदवार के रुप में जनता के सामने गया और जीत भी हासिल की। ये जरूर है कि भाजपा में शामिल होने के लिए पर्रीकरजी के साथ साथ, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मंत्री नितीन गडकरी, महाराष्ट्र के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कार्य भी रहा है, मैं अपने आप को एक जनसेवक के रुप में ही देखता हूँ, गोवा की छवि के साथ साथ गोवा के लोगों के लिए हर बेहतर काम करना ही मेरा उद्देश्य है।

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प्रश्न- राजनीतिक क्षेत्र में आप अपना भविष्य कैसा देखते हैं?

उत्तर- राजनीति एक मात्र ऐसा क्षेत्र हैं, जहां आप जो सोचें वैसा नही होता। इस क्षेत्र में जनता के हाथ में आपके भविष्य का फैसला होता है। अच्छा काम करो अच्छा फल मिलेगा। गलत काम किया तो घर का रास्ता भी जनता दिखा सकती है। अबतक निर्दलीय विधायक के तौर पर मैंने जो काम किया वह जनता को पसंद आया यही कराण रहा कि भाजपा में शामिल होने के बाद मार्च 2022 में मुझे जनता जनार्दन ने तीसरी बार मौका दिया। जनता ने मेरे उपर तीसरी बार जो भरोषा जताया वह टूटने न देना यह मेरा फर्ज बनता है। फर्ज निभाने के लिए मैं समर्पित हूं। अच्छा काम करो जनता का साथ मिलेगा इतना ही मै जानता हूं।

प्रश्न- आधुनिकीकरण के युग मे गोवा का सांस्कृतिक और पारंपरिक पर्यटन कैसा संभाला जा सकता है ?

उत्तर- गोवा का सांस्कृतिक और पारंपरिक पर्यटन कई सालों से परंपरा को लेकर आगे बढा है। यहां की सांस्कृतिक और पारंपरिक पर्यटन गोवा की खासियत रही है। मंदिर, चर्च और कई एतिहासिक स्थल गोवा के पर्यटन की विशेषता रही है। तांबडी सुर्ल का महादेव मंदिर, नार्वे का सप्तकोटेश्वर मंदिर हो या गोवा के अन्य मंदिर, हजारों साल की परंपरा इसके पीछे छिपी है। बरसों बाद भी उनकी खासियत को आधुनिकीकरण के युग में ठेंस नही पहुंची। हाल ही में नार्वे के सप्तकोटेश्वर मंदिर का, पुनर्निर्माण किया गया। लेकिन इस दौरान यह ख्याल रखा गया कि परंपरा और इतिहास को बनाए रखा गया। इस मंदिर का निर्माण छत्रपती शिवाजी महाराज ने निर्माण किया था।

प्रश्न- गोवा के पर्यटन का उद्योग विश्व को आकार देने में सूचना प्रोद्योगिकी क्षेत्र की क्या भूमिका रहेगी?

उत्तर- सूचना प्रोद्योगिकी क्षेत्र की भूमिका बडी अहम होगी। डिजीटल युग में जहां सब सेवाएं सूचना प्रौद्योगिकी के नियंत्रण मे है, वहां उनके साथ पर्यटन क्षेत्र का मिलाव बडा बदलाव ला सकता है। गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां हमने हॅशटेग वर्केशन गोवा की संकल्पना शुरू की। इसके तहत गोवा मे आने वाले आईटी वर्ग को अपने अवकाश के साथ साथ भी ऑफिस के साथ जुडे़ रहने का मौका मिला। ग्रामीण इलाकों मे कनेक्टीविटी की समस्या हल करने के लिए सुधार लाने के लिए काम चालू है। पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी का एक अटूट रिश्ता है। यह रिश्ता ध्यान मे रखकर काम किया है जिससे दोनों क्षेत्र में विकास के नए रास्ते पर चलेंगे जो अभी शुरू है।

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प्रश्न- 2024 में केंद्र में राजनीतिक उतार-चढाव को लेकर आपकी क्या राय है और गोवा की अर्थव्यवस्था पर्यटन के अलावा और कैसे आगे जा सकती है ?

उत्तर- माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यानुभव पूरा देश ही नही बल्कि विश्व देख रहा है। इसलिए भारत विश्वगुरू के रूप में उभरा है। इसको मद्देनजर रखते हुए मुझे नही लगता की 2024 में केंद्र मे बदलाव की संभावना है। मोदी जैसा नेतृत्व मिलना भारतवर्ष का भाग्य है। जिस भारत को अन्य देश एक अलग नजरिए से आजतक देख रहे थे, वो नजरिया अब बदल चुका है, सभी अब हिंदुस्तान को आदर के भाव से देख रहे है। यह मोदी का करिश्मा है। उनकी विचारधारा का परिणाम है, ऐसा मै मानता हूं। रही बात 2024 को तो अबकी बार 400 के पार का नारा रहेगा।

गोवा की अर्थव्यवस्था की आप बात करते तो खनिज उद्योग (मायनिंग) अब तक इसका अहम ढांचा रहा लेकिन मायनिंग बंद होने के बाद राज्य की अर्थ व्यवस्था का भार पर्यटन उद्योग पर आ पडा। पिछले कई साल पर्यटन क्षेत्र ने राजस्व में बहुत बडा योगदान दिया है। नई परियोजनाओं और संभावनाओं के साथ इसमें और भी बढोतरी होगी।

पर्यटन उद्योग पर निर्भर रही गोवा की अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने के लिए नए कई प्रस्ताव सामने है। उनपर विस्तार से विचार के बाद ही लागू किया जाएगा। इन योजनाओं में राज्य के पर्यटन को बढावा देंने के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत करने की ताकत है।

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