भारतीय क्रिकेट टीम इस वक्त एक सुनहरे दौर से गुजर रही है। भारतीय टीम ने पिछले कुछ सालों में शानदार प्रदर्शन किया है जिसका परिणाम आईसीसी की रैंकिंग में देखा जा सकता है। आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में भारतीय टीम 122 अंकों की बढ़त के साथ नंबर वन पर है तो वहीं वनडे रैंकिंग में चौथे स्थान पर है। टी-20 आईसीसी रैंकिंग में भी भारतीय टीम 124 अंकों के साथ दूसरे नंबर पर है। भारतीय टीम के इतने शानदार प्रदर्शन के बाद भी बीसीसीआई खिलाड़ियों को कम सैलेरी देती है। दरअसल, हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सभी ग्रेड के क्रिकेट खिलाड़ियों की सैलेरी बढ़ाई है। बीसीसीआई द्वारा बढ़ाई गई सैलेरी से भारतीय कप्तान विराट कोहली खासा नाराज है। उनके मुताबिक बीसीसीआई ने ए ग्रेड खिलाड़ियों की सैलेरी में काफी कम बढ़ोतरी की है।

विराट कोहली ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में से एक है लेकिन फिर भी भारतीय खिलाड़ियों को इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाड़ियों की तुलना में काफी कम सैलेरी दी जाती है। कोहली ने कहा कि इन देशों में खिलाड़ियों की सैलेरी सालाना 10 से 12 करोड़ तक होती है जबकि भारत में बढ़ाई गई सैलेरी के अनुसार ए ग्रेड के खिलाड़ियों को 2 करोड़, बी ग्रेड के खिलाड़ियों को 1 करोड़ और सी ग्रेड वालों को मात्र 50 लाख रुपये सालाना सैलेरी दी जाती है। कोहली के अनुसार ए ग्रेड की खिलाड़ियों को कम से कम 5 करोड़ और बी और सी ग्रेड वाले खिलाड़ियों को क्रमश: 3 और 1.5 करोड़ रुपये की सैलेरी सालाना दी जानी चाहिए।

गौरतलब है कि सीओए ने बीसीसीआई के वर्तमान पदाधिकारियों को 5 अप्रैल को हैदराबाद बुलाया है। सीओए के चीफ विनोद राय के मुताबिक बीसीसीआई के अधिकारियों को खिलाड़ियों के नाराजगी के बारे में पहले से पता था। हालांकि सीओए चीफ ने कहा है कि इस मुद्दे पर अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। उन्होंने क्रिकेटर्स को आईपीएल 10 के खत्म होने तक रुकने के लिए कहा है। बता दें कि बीसीसीआई ने हाल ही में ग्रेड ए, बी और सी के खिलाड़ियों की सैलेरी बढ़ाकर क्रमश: 2 करोड़, 1 करोड़ और 50 लाख रुपए सालाना की थी।

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