FIFA World Cup Final में पूरी टक्कर दे रहा था फ्रांस, जानें क्या है पैनल्टी शूटआउट जिसमें अर्जेंटीना को मिली जीत

जोसेफ डेगन थे पेनल्टी शूटआउट के आविष्कारक

0
215
Penalty Shootout: अर्जेंटीना बना फीफा 2022 का विजेता
Penalty Shootout: अर्जेंटीना बना फीफा 2022 का विजेता

Penalty Shootout: फीफा विश्व कप 2022 का समापन हो चुका है। इस टूर्नामेंट के फाइनल को जीतकर अर्जेंटीना की टीम फुटबॉल की विश्व विजेता बन चुकी है। फाइनल के इस मुकाबले में फ्रांस और अर्जेंटीना की टीम पहुंची थी। दोनों टीमों के बीच काफी रोमांचक मुकाबला हुआ। अंत में दोनों के स्कोर 3-3 पर थे। इसके बाद किसी एक टीम को विजेता बनने के लिए नियम के तहत पैनल्टी शूटआउट लागू किया गया। इसमें अर्जेंटीना ने फ्रांस की टीम को 4-2 से मात देकर 36 साल बाद फीफा विश्व कप का खिताब अपने नाम किया। अब आइए जानते हैं कि आखिरकार क्या होता है पैनल्टी शूटआउट जिसमें अर्जेंटीना बनी फीफा 2022 की विजेता..

Penalty Shootout:गोल करने की कोशिश करता फ्रांस का खिलाड़ी
Penalty Shootout:गोल करने की कोशिश करता फ्रांस का खिलाड़ी

Penalty Shootout का ऐसे होता है इस्तेमाल

फीफा विश्व कप और यूरो कप जैसे फुटबॉल टूर्नामेंट्स में नॉकआउट के दौरान पैनल्टी शूटआउट का इस्तेमाल किया जाता है। मतलब यह कि यदि निर्धारित समय के साथ मिले अतिरिक्त समय में भी दोनों ही टीमों का स्कोर बराबर होता है तो विजेता का फैसला करने के लिए पैनल्टी शूटआउट नियम को लागू किया जाता है। इस नियम के तहत सबसे पहले दोनों ही टीमों के कोच पेनल्टी किक लेने के लिए पांच-पांच खिलाड़ियों का चयन करते हैं। उसके बाद दोनों टीमों के कप्तान मैच रेफरी से मिलकर यह निर्धारित करते हैं कि शूटआउट पिच के किस छोर पर होगा।

यह तय होने के बाद रेफरी टॉस करता है, इससे तय किया जाता है कि कौन सी टीम शूटआउट में पहले पेनल्टी किक लेगी। बता दें कि शूटआउट में गोल का बचाव करने के लिए मात्र गोलकीपर ही होता है, जो गोलपोस्ट के सामने खड़ा होता है। वहीं, प्रत्येक खिलाड़ी द्वारा पैनल्टी किक लेने के बाद, सबसे अधिक गोल करने वाली टीम को मैच का विजेता घोषित कर दिया जाता है। फीफा विश्व कप 2022 के फाइनल मुकाबले में फ्रांस और अर्जेंटीना के बीच भी ऐसे ही पैनल्टी शूटआउट को अपनाया गया था। जिसके बाद अर्जेंटीना की टीम सबसे अधिक गोल करके विजेता बनी।

जोसेफ डेगन थे पैनल्टी शूटआउट के आविष्कारक
मिली जानकारी के अनुसार, साल 1970 में पैनल्टी शूटआउट को आधिकारिक रूप से मंजूरी दी गई थी। कहा जाता है कि इजरायल फुटबॉल एसोसिएशन के पूर्व महासचिव जोसेफ डेगन को पैनल्टी शूटआउट का आविष्कार करने का श्रेय जाता है। उन्होंने ही साल 1969 में फीफा पैनल्टी शूटआउट शुरू करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे 1970 में मंजूरी दे दी गई थी।
इस पैनल्टी शूटआउट की एक और दिलचस्प नियम है। यदि इसमें पांच-पांच पैनल्टी शूटआउट के बाद भी दोनों ही टीमों का स्कोर बराबर रहता है तो दोनों ही टीमें तबतक पैनल्टी किक लेना जारी रखेंगी, जबतक कि एक टीम दूसरी से अधिक गोल नहीं कर लेती।

यह भी पढ़ेंः

मार्च में बिहार करेगा G20 शिखर सम्मेलन के बैठकों की मेजबानी, इन तीन शहरों में तैयारियां शुरू

FIFA विश्व कप हारने के बाद भी क्यों सभी के जुबां पर है फ्रांस के 23 वर्षीय खिलाड़ी किलियन एम्बाप्पे का नाम ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here