Vijaya Ekadashi 2022: यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि, इन मंत्रों के जाप से करें भगवान विष्णु को प्रसन्न

0
319
Rama Ekadashi 2022: top news
Rama Ekadashi 2022

Vijaya Ekadashi 2022: भगवान विष्णु के भक्तों के लिए एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस साल विजया एकादशी 27 फरवरी के मनाई जा रही है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लोगों के बीच यह मान्यता है कि लंका विजय के लिए भगवान श्रीराम ने भी विजया एकादशी के दिन समुद्र किनारे पूजा-अर्चना की थी और यह व्रत रखा था।

vishnu bhagwa

Vijaya Ekadashi 2022: व्रत एवं पूजन विधि

  1. सुबह उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
  2. भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
  3. इसके बाद कलश की स्थापना जरूर करें।
  4. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते हुए अगरबत्ती, धूप और दीप जलाएं।
  5. अब भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं।
  6. अब उन पर फल, फूल और तुलसी चढ़ाएं।
  7. इसके बाद प्रसाद का भोग लगाएं।
  8. अंत में एकादशी की कथा, पाठ और आरती करें।
  9. विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान का आशीर्वाद लें।
vishnu-bhagwan
vishnu-bhagwan

Vijaya Ekadashi 2022: एकादशी व्रत निर्जला किया जाता है। अगर भक्त निर्जला नहीं कर सकते तो केवल फलों के साथ या एक समय सात्विक भोजन के साथ भी यह व्रत रखा जा सकता है। द्वादशी के दिन ब्राह्मण भोज कराने के बाद स्थापित किए गए कलश का दान करें और इसके बाद ही पारण करें।

shattila ekadashi

Vijaya Ekadashi 2022: इन मंत्रों का करें जाप

  • ओम नारायणाय लक्ष्म्यै नमः’
  • ओम सिया पतिये राम रामाय नमः
  • ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः
  • ओम सूर्य नारायणाय नमः 
  • ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
  • ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
  • ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
  • ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
  • ॐ गुं गुरवे नम:।
  •  ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
    वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
  • श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय
  • विष्णु रूपं पूजन मंत्र-
  • शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
Vishnu 2

Vijaya Ekadashi 2022: भगवान विष्णु की आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥

संबंधित खबरें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here