Donkey Milk: 1 लीटर गधी के दूध की कीमत पहुंची हजारों में, कर्नाटक के डंकी फार्म को मिल चुका 17 लाख का ऑर्डर,जानें दूध में ऐसा क्‍या है खास?

Donkey Milk: कर्नाटक के पहले डंकी फार्म पर गधी के दूध के लिए 17 लाख रुपये का ऑर्डर मिल चुका है।फार्म में पाली जा रही गधी का

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Donkey Milk
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Donkey Milk: कर्नाटक से ऐसी खबर सुनने को मिल रही है। जिसे सुनकर किसी को भी ताज्‍जुब होगा। यहां एक डंकी फार्म को गधी के दूध के लिए 17 लाख रुपये का ऑर्डर मिला है। ये वाकई सोचने वाली खबर कि भला कैसे गधी के 1 लीटर दूध की कीमत हजारों रुपये हो सकती है? जानकारी के अनुसार यहां के एक युवक ने स्नातक तक पढ़ाई के बाद कर्नाटक में गधों का फार्म खोला है। कर्नाटक के पहले डंकी फार्म पर गधी के दूध के लिए 17 लाख रुपये का ऑर्डर मिल चुका है।फार्म में पाली जा रही गधी का दूध दुर्लभ और औषधीय गुणों से भरपूर है। यही वजह है कि 1 लीटर दूध लगभग 5 हजार रुपये में बेचा जा रहा है।

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Donkey Milk: 8 जून को खुला है फार्म

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कर्नाटक का पहला, भारत का दूसरा गधा फार्म मेंगलुरु दक्षिण कन्नड़ जिले के अंतर्गत आता है।यहां के बंतवाल गांव में 42 वर्षीय व्यक्ति ने गधे का फार्म शुरू कर इतिहास रच दिया है। पिछले 8 जून को खुला यह फार्म कर्नाटक में अपनी तरह का पहला और केरल के एर्नाकुलम जिले के बाद देश में दूसरे स्‍थान पर है।

Donkey Milk: गधों की दुदर्शा से थे आहत

डंकी फार्म शुरू करने वाले श्रीनिवास गौड़ा ने बताया कि अक्‍सर उन्‍हें गंधों की दुदर्शा परेशान करती थी।उनके कल्‍याण और मदद के लिए ही उन्होंने गधों के लिए डंकी फार्म खोलने का फैसला लिया। श्रीनिवास के अनुसार गधों को दुत्‍कारने, परेशान करने और उन्हें कम आंके जाने से उन्‍हें बहुत बुरा लगता है।यही वजह है कि उन्होंने अपनी जमीन पर गधों का फार्म शुरू कर इनकी देखरेख का फैसला लिया।

Donkey Milk: गधों से पहले खरगोश और मुर्गे भी पाल चुके हैं

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श्रीनिवास गौड़ा के अनुसार उन्होंने एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी की। नौकरी छोड़ने के बाद सबसे पहले वर्ष 2020 में इरा गांव में करीब 2.3 एकड़ जमीन पर इसीरी फार्म्स की शुरुआत की। इस केंद्र को एकीकृत कृषि और पशुपालन, पशु चिकित्सा सेवाएं, प्रशिक्षण और चारा विकास केंद्र के रूप में जाना जाता है।

गधों से पहले खरगोश और मुर्गे भी पाल चुके हैं। वे बताते हैं कि इसीरी फार्म्स पर बकरी पालन से शुरुआत की गई। इस केंद्र पर खरगोश और कड़कनाथ मुर्गे भी पाले जाते हैं। गौड़ा ने कहा कि बाद में गधों का फार्म भी शुरू किया। इसमें 20 गधे हैं। बता दें कि कड़कनाथ मुर्गे छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक वातावरण में पलते हैं। मार्केट डिमांड और अच्छा मुनाफा देखते हुए अब दूसरे राज्यों में भी कड़कनाथ मुर्गों के फार्म खोले जा चुके हैं। कड़कनाथ की कीमत हजार रुपये प्रति किलो तक मिलती है।

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