Ambedkar Jayanti 2022: जानें भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय, मरणोपरांत मिला था ‘भारत रत्न’

Ambedkar Jayanti 2022: आज पूरे देश में डॉ भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती मनाई जा रही है। इन्होंने हमेशा से दलित समाज और महिलाओं के अधिकार के लिए काम किया हैं।

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Ambedkar Jayanti 2022
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आज पूरे देश में Ambedkar Jayanti मनाई जा रही है। Dr. Bhimrao Ambedkar का जन्म 14 अप्रैल, 1891 में हुआ था। इनको लोग प्यार से बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से भी पुकारते हैं। इनको सम्मान देने के लिए हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है।

Dr.Bhimrao Ambedkar का शुरूआती जीवन

डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू गांव में 14 अप्रैल, 1891 में हुआ था। इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था। बाबा साहेब राजनीतिज्ञ, न्यायविद और अर्थशास्त्री के ज्ञानी थे।

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Ambedkar Jayanti: बी.आर अंबेडकर का शैक्षणिक जीवन

Ambedkar Jayanti: भीमराव अंबेडकर की प्राथमिक शिक्षा दापोली और सतारा में हुई थी। इसके बाद 1907 में इन्होंने बंबई के Elphinstone School से मैट्रिक की परीक्षा पास की। भीमराव अंबेडकर ने 1912 में मुंबई विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की। बी.ए. के बाद एम.ए. के अध्ययन हेतु बड़ौदा नरेश सयाजी गायकवाड़ की पुनः फेलोशिप पाकर वह अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिल हुए।

सन 1915 में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की उपाधि हासिल की। इसके बाद 1916 में कोलंबिया विश्वविद्यालय अमेरिका से अपने शोध ‘प्राचीन भारत का वाणिज्य’ लिखकर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।

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Ambedkar Jayanti: इन्होंने बचपन से ही हिंदू जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी थी और छुआछूत के खिलाफ भेदभाव का विरोध किया था। हमेशा यह दलित समाज के लिए लड़ते और उनको उनका हक दिलवाते थे। अंबेडकर ने लेबर पार्टी का भी गठन किया था।

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Ambedkar Jayanti: Dr.Bhimrao Ambedkar ने अपने जीवन के 65 वर्षों में देश को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक इत्यादि क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

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Ambedkar Jayanti: बी.आर अंबेडकर ने All India Classes Association की भी स्थापना की थी। 1932 में पुणे समझौते में गांधी और अंबेडकर आपसी विचार विमर्श के बाद एक मार्गदर्शन पर सहमत हुए। लेकिन 1947 कानून मंत्री बने डॉ. बी.आर अंबेडकर गांधीजी और कांग्रेस के उग्र आलोचक बन गए थे।

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Dr.Bhimrao Ambedkar का राजनैतिक जीवन

वह संविधान समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं। देश के संविधान निर्माण में इनका बहुत बड़ा योगदान है। इसके कारण इनको “Father Of Indian Constitution” कहा जाता है। भारत आजादी के बाद उन्हें देश का कानून मंत्री नियुक्त किया गया था। इन्हें राज्यसभा से दो बार सांसद भी चुना गया था।

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Ambedkar Jayanti: डॉ बी.आर अंबेडकर सन 1948 से मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित थे और वह 1954 तक बहुत बीमार रहे थे। 3 दिसंबर, 1956 में अंबेडकर ने अपनी अंतिम पांडुलिपि बुद्ध और धम्म पूरा किया और 6 दिसंबर, 1956 को अपने घर दिल्ली में अपनी अंतिम सांस ली थी। इनके निधन के बाद साल 1990 में इन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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