Women’s Rights: ये हैं 8 कानूनी अधिकार जो हर महिला के लिए जानना है जरूरी

0
390
Women Equality Day 2022
Women Equality Day 2022

Women’s Rights: “अगर अहिंसा हमारे अस्तित्व का नियम है तो भविष्य महिलाओं के साथ है।” ये विचार अहिंसा के पुजारी मोहनदास करमचंद गांधी के हैं। बापू की नजरों में महिलाएं पुरुषों से कहीं अधिक सर्वश्रेष्ठ हैं। उनका मानना था कि किसी भी समाज की तरक्की का आंकलन महिलाओं की तरक्की से होता है। महिलाओं के बिना किसी भी सभ्य समाज की कल्पना कोरी है। ऐसे में महिलाओं को और ताकतवर बनाने की जरूरत है। भारत में देवी की तरह पूजी जाने वाली महिलाओं को देश के संविधान में कई मजबूत अधिकार दिए गए हैं, जिसके दमपर वे और शक्तिशाली बन सकती हैं।

Women’s Rights: मुफ्त कानूनी सलाह

Women's Rights
Women’s Rights

Zero FIR Rights

बलात्कार पीड़ित महिला किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर दर्ज करा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कोई भी पुलिस स्टेशन महिला से यह कह कर पल्ला नहीं झाड़ सकता है कि ये मामला हमारे इलाके में नहीं आता है। मामला किसी भी सीमा का क्यों न हो पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी ही होगी।

पुलिस स्टेशन नहीं बुलाये जाने का अधिकार

हर केस में देखा गया है कि पूछताछ के लिए व्यक्ति को पुलिस स्टेशन जाना पड़ता है। पर महिलाओं को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत छूट मिलती है कि वे पुलिस स्टेशन नहीं जाएं तो भी पूछताछ हो सकती है। महिला पुलिस कॉस्टेबल या महिला के परिवार के सदस्य या उसकी किसी महिला मित्र की मौजूदगी में पूछताछ कर सकती हैं।

Women’s Rights: किसी भी समय शिकायत करने का आधिकार

Womens Rights

महिलाएं हर मामले को समय देती हैं। वे सोचती हैं कि थोड़ा और मसले को समय दिया जाएगा तो शायद हल हो जाए। पर अगर आप समय बीत जाने के बाद भी शिकायत दर्ज कराती हैं तो भी पुलिस को शिकायत दर्ज करनी होगी। वे ये कह कर मामले को नहीं टाल सकते हैं कि शिकायत देरी से हो रही है।

मुफ्त में कानूनी सलाह

शिकायत दर्ज कराने गई महिली को मुफ्त में कानूनी सलाह लेने का पूरा अधिकार देश का संविधान देता है।

Women’s Rights: गोपनीयता का अधिकार

बलात्कार पीड़िता को पूरा अधिकार है कि वे अपनी पहचान को छुपा के शिकायत दर्ज करा सकती हैं। मीडिया में उसकी तस्वीरों को प्रसारित करने पर कानून जुर्म है। ये अधिकार सीआरपीसी की धारा 164 महिलाओं को देती है।

ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने का अधिकार

किसी कारणवश महिला पुलिस स्टेशन में नहीं जा सकती है तो वो ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। महिला ई मेल या रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए भी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। महिलाएं डीसीपी स्तर पर या किसी भी अधिकारी को शिकात भेज सकती हैं।

No Arrest Rights

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार किसी भी महिला को पुलिस सूरज ढलने के बाद और सूरज उगने के पहले गिरफ्तार नहीं कर सकती है। किसी बड़े जुर्म में मजिस्ट्रेट की अनुमति का पत्र लेना आवश्यक है।

पहचान की गोपनीयत का अधिकार

आईपीसी की धारा 228 ए के तहत महिलाओं को यह Rights मिलता है कि किसी भी हालात में महिला की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। मीडिया में उसकी तस्वीरों और वीडियो को प्रसारित नहीं किया जा सकता है।

संबंधित खबरें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here