SYL लिंक विवाद पर Supreme Court की पंजाब सरकार को कड़ी फटकार, कोर्ट ने कहा राजनीति करने से बचे सरकार

Supreme Court: हरियाणा सरकार ने सुनवाई के दौरान पानी की मौजूदा स्थिति को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। इस पर कोर्ट ने कहा हम इस पर नहीं जाएंगे ऐसे में मामला कहीं और चला जाएगा।

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SYL issue in Supreme Court
Supreme Court

Supreme Court: सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद मामला जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सख़्त लहजे में कहा कि पंजाब सरकार को सहयोग करना होगा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि मामले का हल निकाले। हमें कठोर कदम उठाने पर मजबूर न करें।कोर्ट ने कहा कि आप मिलकर मामले का हल निकाले,हमें कोई सख्त आदेश जारी करने पर मजबूर न करे।

कोर्ट ने कहा कि SYL नहर का निर्माण किया जाना चाहिए। पंजाब सरकार को इसके लिए आगे आना होगा। अगर एक बार नहर निर्माण का काम पूरा हो जाता है तो पानी अपने आप जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के मामले में राजनीतिक प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता।केंद्र सरकार पानी की मौजूदा स्थिति को लेकर भी अदालत को अवगत कराएगा।

 Supreme Court on SYL Issue today
Supreme Court : सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई।

Supreme Court: केंद्र बताए, नहर निर्माण के लेकर क्या स्थिति

Supreme Court: हरियाणा सरकार ने सुनवाई के दौरान पानी की मौजूदा स्थिति को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। इस पर कोर्ट ने कहा हम इस पर नहीं जाएंगे ऐसे में मामला कहीं और चला जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हम इस मामले में कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले को लागू करने को लेकर चिंतित हैं। हम SYL नहर निर्माण का काम कितना पूरा हो चुका है यह जानना चाहते हैं ?

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को बताए कि नहर निर्माण के लेकर क्या स्थिति है? केंद्र सरकार नहर के लिए जमीन को लेकर सर्वे करे। केंद्र भी बताए की कितना निर्माण काम हो चुका है? इस बीच केंद्र सरकार सुलह को लेकर दोनों राज्यों के बीच बात चीत करती रहे। कोर्ट अब इस मामले पर अगले साल जनवरी मे सुनवाई करेगा।

सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद मामले मे पंजाब सरकार द्वारा नहर के निर्माण ना करने पर कहा की सुप्रीम कोर्ट की मर्यादा का पालन करे सरकार। दो दशक से SYL का निर्माण ना होने पर हम चिंतित हैं। कोर्ट ने केंद्र को जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि पंजाब में SYL के लिए अधिग्रहीत जमीन वापस ना लौटाई जाए। केंद्र सरकार जमीन का सर्वे करे और यह भी बताए की कितना निर्माण काम हो चुका है?इस दौरान केंद्र सरकार सुलह को लेकर दोनों राज्यों के बीच बातचीत जारी रखे। कोर्ट ने सर्वे के लिए केंद्र को दो महीने का समय दिया।

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