आम्रपाली ग्रुप के अधूरे प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से सख्ती दिखाई है। शीर्ष अदालत के आदेश पर ग्रुप के तीन डायरेक्टरों- अनिल कुमार शर्मा, शोव प्रिया और अजय कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कोर्ट ने कहा- लुकाछिपी का खेल बहुत हुआ। जब तक आप हमारे आदेशों का अनुपालन नहीं करेंगे, दस्तावेज नहीं सौंपेंगे, तब तक पुलिस हिरासत में रहेंगे। आम्रपाली ग्रुप पर 40 हजार खरीदारों को वक्त पर घर का पजेशन न दे पाने का आरोप है। खरीददारों ने घर मिलने में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने पिछली सुनवाई में कहा था, “असली समस्या यह है कि आपने लोगों को घर का पजेशन देने में देरी की। आपको सभी प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए कितनी रकम की जरूरत पड़ेगी और आप इसकी व्यवस्था कहां से करेंगे?” इस पर ग्रुप ने जवाब दिया कि प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए हमें करीब 4000 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। बेंच ने पूछा कि आपने 2764 करोड़ रुपए का फंड डायवर्ट किया है, उसे कैसे वापस करेंगे? बेंच ने मौजूदा और 2008 के बाद ग्रुप छोड़ने वाले निदेशकों के बारे में सवाल किए थे और कहा था- 15 दिन के भीतर ग्रुप के प्रबंध निदेशकों और निदेशकों की अचल संपत्ति का ब्योरा पेश करें। कोर्ट ने यह भी कहा था कि आम्रपाली के प्रोजेक्ट की देखरेख कर रही कंपनियों की जानकारी दें।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली पर नाराजगी जताई थी कि  2015 के बाद अब तक आम्रपाली की 46 कम्पनियों के सभी खातों की डिटेल कोर्ट को क्यों नहीं सौंपी गई। 10 दिन के सभी एकाउंट की बैलेंस शीट सौंपने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिटर को निर्देश था दिया कि वो 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि कितनी रकम का कैसे गबन हुआ है। दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ग्रुप की 16 संपत्ति नीलाम होगी जबकि सभी 46 कंपनियों और उनके सभी निदेशकों की संपत्ति का फोरेंसिक ऑडिट होगा।

इसके साथ ही कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा को चार दिनों में अपनी संपत्तियों का ब्यौरा हलफनामे में देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अनिल शर्मा से ये भी पूछा था कि 2014 में चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे में 867 करोड़ की बताई गई संपत्ति  2018 में 67 करोड़ कैसे हो गई? कोर्ट से जानकारी क्यों छिपाई?’ इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने DRT को आम्रपाली की 16 सम्पतियों की नीलामी/बिक्री का आदेश दिया था। अनुमान है कि सम्पतियों की बिक्री से करीब 1600 करोड़ रुपये की उगाही होगी। ये रकम सुप्रीम कोर्ट परिसर में मौजूद बैक में जमा होगी।

कोर्ट ने आम्रपाली को निर्देश दिया था कि वो 25 लाख की रकम से बैंक में एकाउंट खोले। आगे सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि कैसे इस रकम का अधूरे प्रोजेक्ट के निर्माण में इस्तेमाल हो। कोर्ट ने आम्रपाली के डायरेक्टर को 25 सितंबर को DRT के सामने पेश होने का निर्देश देते हुए कहा था कि इसी बीच आम्रपाली सभी सम्बंधित दस्तावेज DRT को जमा कराए।

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