सुप्रीम कोर्ट ने तहलका मैगज़ीन के संस्थापक और यौन उत्पीड़न के आरोपी तरुण तेजपाल की रिहाई याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट से जल्द फैसला लेने का कहा है। फिलहाल तरुण तेजपाल ज़मानत पर जेल से बाहर हैं। तेजपाल पर सितंबर में गोवा की अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (रेप), 342, 354ए, 354बी के तहत आरोप तय किए थे। इसी मामले में खुद को बरी करने के लिए तरुण तेजपाल ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसी याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट को तीन महीने के अंदर फैसला लेने के लिए कहा है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस निर्देश को भी खारिज कर दिया है जिसमें हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने का आदेश दिया था, जिसका मतलब यह की तेजपाल के खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल चलता रहेगा। दरअसल तरुण तेजपाल निचली अदालत में ट्रायल पर रोक लगाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट गए थे और उन्होंने निचली अदालत में आरोप तय किए जाने पर भी रोक लगाने की गुहार लगाई थी। इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने निचली अदालत में ट्रायल पर रोक लगा दी थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में ट्रायल जारी रखने के लिए कहा है।

बता दें कि तहलका मैगज़ीन के पूर्व संपादक रहे तरुण तेजपाल के खिलाफ यह मामला सन 2013 का है। उस वक्त गोवा में थिंक फेस्ट हो रहा था और उसी दौरान एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने अपनी महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद महिला ने अपने वरिष्ठ सहयोगियों को इस घटना की जानकारी दी और फिर पूरे मामले का खुलासा हुआ था।

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